इस्लामाबाद की दिशा में निकले संतप्त प्रदर्शनकारियों की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार खतरे में

इस्लामाबाद – पाकिस्तान की सरकार की बिनती और बादमें दी गई धमकियों की परवाह किए बगैर ‘तेहरिक ए लबैक’ के हज़ारों प्रदर्शनकारी राजधानी इस्लामाबाद की दिशा में बढ़ रहे हैं। अब इन प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के अलावा सरकार के सामने अन्य विकल्प ना होने का बयान पाकिस्तान सरकार कर रही है। लेकिन, यह संगठन भारत के इशारों पर काम कर रहा है, ऐसे गंभीर आरोप लगाकर प्रधानमंत्री इम्रान खान के कुछ मंत्रियों ने लबैक के साथ बातचीत करने की संभावना खारिज़ की है। लबैक पर लगाए जा रहे आरोपों के सबूत पेश करने की आक्रामक माँग अब इस संगठन के प्रदर्शनकारी कर रहे हैं। इस वजह से पाकिस्तान में भयंकर रक्तपात होगा और देश में अस्थिरता फैलेगी, यह चिंता माध्यमों ने व्यक्त की है।

इम्रान खान की सरकारलबैक का नेता साद रिज़वी फिलहाल पाकिस्तानी यंत्रणा के हिरासत में है। उसकी रिहाई और अपनी प्रमुख माँगों का स्वीकार किए बगैर इस्लामाबाद से पीछे नहीं हटेंगे, ऐसे इशारे लबैक के समर्थक दे रहे हैं। फ्रान्स के राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित करके फ्रान्स के राजनीतिक संबंध पूरी तरह से तोड़ने की माँग लबैक के प्रदर्शनकारी कर रहे हैं। इनमें से रिज़वी की रिहाई की तैयारी पाकिस्तान सरकार ने की थी। लेकिन, फिलहाल फ्रान्स के राजदूत पाकिस्तान में नहीं हैं, ऐसा कहकर फ्रान्स के साथ संबंध किसी भी स्थिति में तोड़ना मुमकिन नहीं होगा, यह बात इम्रान खान की सरकार लबैक से कह रही है। लेकिन, लबैक के प्रदर्शनकारी इस मुद्दे से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

इसी कारण गुजरानवाला से राजधानी इस्लामाबाद तक पहुँचने के लिए लबैक के हज़ारों समर्थक आगे बढ़ रहे हैं। इनके कई ठिकानों पर हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़की और इसमें पाकिस्तानी पुलिसवालों के मारे जाने की बात कही जा रही है। इन मृतकों की संख्या सार्वजनिक की जा रही है पर इससे कहीं अधिक होने की बात कई लोग कह रहे हैं। तो, लबैक के समर्थक यह आरोप लगा रहे हैं कि, उल्टा पुलिस ने ही हम पर हमला करके उकसाया। किसी समय लबैक के प्रदर्शनों को पूरा समर्थन प्रदान करनेवाले इम्रान खान अब उनकी माँगे स्वीकारना संभव नहीं होगा, ऐसा कह रहे हैं। लेकिन, इससे पहले लबैक ने शुरू किए प्रदर्शन पीछे लेने की शर्त पर ही इम्रान खान की सरकार ने उनकी सभी माँगें स्वीकारी थीं। एक बार माँगे मंजूर करने के बाद उससे पीछे हटने के गंभीर परिणाम इम्रान खान को भुगतने पड़ेंगे, ऐसा इशारा पाकिस्तान के चरमपंथी दे रहे हैं।

लबैक के प्रदर्शनकारियों ने पहले भी पाकिस्तान की राजधानी को बंधक बनाए रखा था। लेकिन, इस बार प्रदर्शनकारी किसी भी तरह के समझौता के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसरणमंत्री फवाद चौधरी ने लबैक को भारत से निधी प्राप्त होने का गंभीर आरोप लगाया। इस देशद्रोह के आरोपों की वजह से लबैक के समर्थक और आगबबूला हुए हैं। यह आरोप साबित करने के सबूत पेश करें, यह माँग लबैक ने की है। पाकिस्तान के विपक्षी नेता, पूर्व राजनीतिक अधिकारी, पत्रकार और विश्‍लेषकों ने लबैक पर ऐसे आरोप लगाने वाली पाकिस्तान सरकार की कड़ी निंदा की है।

कुछ महीने पहले लबैक का समर्थन करने वाले पाकिस्तान के मंत्री और प्रधानमंत्री इम्रान खान अब इसी संगठन पर देशद्रोह के आरोप लगा रहे हैं। फिर, ऐसे संगठन से पाकिस्तान की सरकार अब तक बातचीत क्यो कर रही थी, ऐसे सवाल विपक्ष एवं माध्यमों ने उठाए हैं। प्रचंड़ दबाव का सामना कर रही इम्रान खान की सरकार ऐसे सवालों पर संतोषजनक जवाब दे नहीं पाई है। इसकी वजह से लबैक के समर्थक और अपने विरोधियों की कैंचीं में फंसी पाकिस्तान सरकार हर मुमकिन मार्ग से इस संकट को दूर करने की कोशिश कर रही है। कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री इम्रान खान ने पाकिस्तान के सेनाप्रमुख को चुनौती देनेवाली गतिविधियाँ एवं बयान किए थे। इसकी गूँज सुनाई दी है और पाकिस्तानी सेना ने लबैक के पीछे अपनी ताकत खड़ी की है, यह दावे कुछ लोग कर रहे हैं। इम्रान खान को सत्ता से हटाने के बाद या उन्हें उनका स्थान दिखाने के बाद ही यह प्रदर्शन बंद होंगे, ऐसी कड़ी संभावना सामने आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.