उघुरवंशियों पर हो रहे चीन के अत्याचारों की मुझे जानकारी नही – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का चौकानेवाला बयान

इस्लामाबाद – पाकिस्तान में सत्ता पर आने के बाद हर मोर्चे पर असफल हुए प्रधानमंत्री इम्रान खान फिलहाल नए पेंच में फसते दिखाई दे रहे हैं| उघुरवंशीय इस्लामधर्मियों पर चीन कर रहे अत्याचार के बारे में मुझे कुछ भी मालूम नहीं है, ऐसा कहकर इस मामले में बोलने से इम्रान खान दूर रहे है| अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था को दिए मुलाकात में प्रधानमंत्री इम्रान खान को इस विषय पर प्रश्न पूछा गया था| पर कुछ भी मालूम ना होने की बात कहकर इम्रान खान ने इस प्रश्‍न से अपनी रिहाई करने का प्रयत्न किया है| तीन महीनों पहले इम्रान खान ने उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के बारे में मुझे कुछ भी मालूम नहीं ऐसा उत्तर दिया था|

पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था कर्ज में डूब रही है और चीन से होने वाला निवेश एवं कर्जा यह पाकिस्तान के बचाव का एक ही मार्ग दिखाई दे रहा है| इस निवेश एवं कर्ज के बदले में चीन पाकिस्तान के सार्वभौमत्व की खरीदारी कर रहा है, ऐसा आरोप पाकिस्तान के कई पत्रकार एवं विश्‍लेषक कर रहे हैं| दुनियाभर के इस्लामधर्मियों का नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा रखनेवाले पाकिस्तान चीन में उघुरवंशीय इस्लामधर्मियों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में १ शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं है| क्योंकि ऐसा करने पर चीन से उसपर प्रतिक्रिया उमड़ सकती है और चीन पाकिस्तान की सहायता रोक सकता है, ऐसा पाकिस्तान की सरकार को लग रहा है| इसकी वजह से जनता से लगातार हो रही मांग देखते हुए पाकिस्तान सरकार उस पर शांत बैठी है|

एक अंतरर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्था के प्रतिनिधि ने प्रधानमंत्री इम्रान खान से मुलाकात की है और हालही में यह मुलाकात प्रसिद्ध हुई है| इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से उघुरवंशियों के बारे में प्रश्न पूछकर इस मामले में पाकिस्तान चुप क्यों है, यह सवाल मुलाकातकार ने किया| प्रधानमंत्री इम्रान खान इस सवाल पर उत्तर देने से दूर रहे है| इस मामले में मुझे कुछ भी मालूम नहीं इस वजह से इस विषय पर मैं नहीं बोल सकता, ऐसा प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कहा है| ३ महीनों पहले दूसरे एक वृत्त संस्था को दिए मुलाकात में इम्रान खान उघुरवंशियो पर हो रहे अत्याचार के बारे में मुझे कुछ मालूम ना होने की बात कहकर इसपर बोलने से दूर रहे थे|

इस वजह से चीन को दुखाने को पाकिस्तान तैयार नहीं है, यह स्पष्ट हो रहा है| परमाणु शस्त्र धारी पाकिस्तान को ऐसी धारणा शोभा नहीं देती, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के कट्टरपंथीय तथा उदारमतवादी पत्रकार एवं विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं| तथा इसकी वजह से देश के सार्वभौमत्व का मुद्दा भी ऊपर आने की नाराजगी पाकिस्तान के कई लोग व्यक्त करने लगे हैं|

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