अमरिका से पाकिस्तान को ३० करोड डॉलर्स मिलना शेष – अमरिकाने लष्करी सहायता रोकने के बाद पाकिस्तान का दावा

इस्लामाबाद: अमरिका ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले लगभग ३० करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता रद्द करने का निर्णय लिया था। पर यह आर्थिक सहायता नहीं थी, आतंकवाद विरोधी युद्ध में पाकिस्तान द्वारा हुई सेवा और खर्च की रकम थी, ऐसा दावा पाकिस्तान के रक्षामंत्री शाह महमूद कुरैशी ने किया है। तथा अमरिका के विदेशमंत्री की पाकिस्तान यात्रा के दौरान यह मुद्दा उपस्थित किया जाएगा, ऐसी जानकारी विदेश मंत्री कुरैशी ने दी है। तथा अमरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागौन के अधिकारियों ने आतंकवाद पर कार्यवाही करने के लिए उत्सुक ना होनेवाले पाकिस्तान पर आगे चलकर दबाव डाला जाएगा, ऐसा घोषित किया है।

३० करोड डॉलर्स, मिलना शेष, लष्करी सहायता रोकने, पाकिस्तान, दावा, अमरिका, पेंटागौनअफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी युद्ध में सहायता करने वाले पाकिस्तान को अमरिका से ‘कोएलिशन सपोर्ट फंड’ (सीएसएफ) द्वारा करोड़ों डॉलर की सहायता दी जा रही थी। पर आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान नहीं निभा सका, ऐसा आरोप करके अमरिका ने सीएसएफ द्वारा दिए जानेवाली सहायता रोकी थी। इस संदर्भ में रविवार को ट्रम्प प्रशासन ने घोषणा करके पाकिस्तान के लगभग ३० करोड़ डॉलर की लष्करी सहायता हमेशा के लिए रोक दी है। यह पाकिस्तान को अमरिका से दिया गया बहुत बड़ा झटका था। अमरिका के रक्षामंत्री माइक पौम्पिओ ६ सितंबर के रोज पाकिस्तान में भेंट देने वाले हैं। उसके कुछ ही दिन पहले यह निर्णय लेकर अमरिका ने पाकिस्तान पर दबाव अधिक बढ़ाया है।

इसपर पाकिस्तान से प्रतिक्रिया आ रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमरिका से पाकिस्तान को ३० करोड डॉलर की रकम बाकि है और यह कोई मदद नहीं थी या किसी भी प्रकार की सहायता नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान का अधिकार है, क्योंकि अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी युद्ध में पाकिस्तान द्वारा हुई सेवा एवं उसके लिए किया खर्च देने की जिम्मेदारी अमरिका की ही है। अमरिका को अपनी यह जिम्मेदारी अगर टालनी है, तो आने वाले समय में अमरिका को सहायता करना पाकिस्तान के लिए कठिन होगा, ऐसा दावा विदेश मंत्री कुरैशी ने किया है।

दूसरे शब्दों में पाकिस्तान के विदेश मंत्री अमरिका को आतंकवाद विरोधी युद्ध में पाकिस्तान की सहायता ना मिलने का चेतावनी दे रहे हैं और पाकिस्तान के बारे में कठोर भूमिका स्वीकारने की तैयारी करने वाले ट्रम्प प्रशासन पर इस चेतावनी का परिणाम होने की आशंका नहीं है। इसके विपरीत पाकिस्तान को इसके कडे परिणाम सहने होंगे, ऐसी गहरी आशंका सामने आ रही है। ३० करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता रद्द करने के निर्णय के पृष्ठभूमि पर पेंटागौन से आने वाली प्रतिक्रिया से दिखाई दे रहा है। अभी पाकिस्तान ने आतंकवादियों पर अपेक्षित होनेवाली कार्रवाई नहीं की है। इसकी वजह से आने वाले समय में अमरिका पाकिस्तान पर इस कार्रवाई के लिए दबाव डालता रहेगा, ऐसा पेंटागौन के वरिष्ठ अधिकारियों ने घोषित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.