‘पुलवामा’ के मामले में ‘एनआयए’ ने १३,८०० पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया

नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बीते वर्ष हुए हमले के मामले में ‘एनआयए’ ने १९ आतंकियों के खिलाफ़ १३,८०० पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है। इस मामले में आरोपीयों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर के साथ उसका भाई रौफ असगर का भी समावेश है। इस आतंकी हमले की साज़िश पाकिस्तान में ही रची गई थी, यह बात एनआयए ने कही है। जैश जम्मू-कश्‍मीर में और एक आतंकी हमला करने की तैयारी में थी। लेकिन, भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में किए हवाई हमले से जैश को भारत में बड़ा आतंकी हमला करना संभव नहीं हो पाया, यह बात भी एनआयए ने लिखी है।

१४ फ़रवरी, २०१९ के दिन जैश के आतंकियों ने पुलवामा में विस्फोटकों के साथ हमला किया था। इस दौरान सीआरपीएफ के ४० सैनिक शहीद हुए थे। इस मामले में ‘एनआयए’ ने मंगलवार के दिन १९ आतंकियों के खिलाफ़ १३,८०० पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें दर्ज़ छह आतंकी मारे गए हैं और सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है एवं पांच अब तक लापता हैं, तथा इनमें से तीन पाकिस्तान में होने की बात एनआयए ने कही है।

पाकिस्तान में मौजूद मोहम्मद उमर फारूक ही पुलवामा हमले का सूत्रधार था। वर्ष २०१८ में उसने पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की थी। उसी ने पाकिस्तान से कश्‍मीर घाटी में २० किलो आरडीएक्स लाया था। इसके अलावा अमोनियम नायट्रेट और अन्य विस्फोटक की इंटरनेट से खरीद की थी। इस वर्ष के मार्च महीने में सुरक्षा बलों ने उसे भी ढ़ेर कर दिया और अदिन दर आत्मघाती हमलावर था।

एनआयए ने तीन आतंकियों के फोटो और मोहम्मद उमर फारूख का पहचानपत्र जारी किया है। साथ ही एनआयए ने मोहम्मद उमर फारूख का फोन बरामद किया है। इसमें आतंकियों के कॉल रेकॉर्डिंग, बातचीत की रिकार्डींग, सोशल मीडिया के ग्रूप की सारी जानकारी मौजूद है। जैश के स्था्नीय आतंकियों की सहायता से इस हमले को अंजाम दिया गया था, यह बात एनआयए ने स्पष्ट की है। इसी बीच, पुलवामा हमले के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ होने के दावों की एनआयए के आरोप पत्र से पुष्टी हो रही है।

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