चीन को रोकने के लिए ‘इकॉनॉमिक नाटो’ ज़रूरी – ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिझ ट्रुस

ताइपे – ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिझ ट्रूस पांच दिन के ताइवान दौरे पर दाखिल हुई हैं। उनके इस दौरे पर चीन कड़ी आलोचना कर रहा हैं और इसी बीच ट्रुस ने चीन को रोकने के लिए बड़ा तगड़ा प्रस्ताव दिया है। चीन और ताइवान का संघर्ष छिड़ जाता हैं तो पूरे विश्व को काफी बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचेगा। इसी वजह से इस नुकसान से बचना हैं तो चीन के विरोध में ‘इकॉनॉमिक नाटो’ ज़रूरी हैं, ऐसा ट्रुस ने कहा। नाटो की तर्ज पर पश्चिमी देशों के समावेश के ताकतवर आर्थिक संगठन यानी ‘इकॉनॉमिक नाटो’ की कल्पना पेश करके ट्रुस ने चीन को बेचैन किया है। 

‘इकॉनॉमिक नाटो’ताइवान के विरोध में आक्रामक गतिविधियां कर रहे चीन को रोकने के लिए एवं साउथ चाइना सी क्षेत्र की शांति के लिए अन्य देशों का सैन्य सहयोग ज़रूरी हैं ही। किसी भी स्थिति में इस सैन्य सहयोग की अहमियत नकारा नहीं जा सकती। लेकिन, चीन और ताइवान का संघर्ष शुरू हुआ तो इसका विश्व पर होने वाला असर बड़ा होगा, इसके मद्देनज़र इसके विरोध में कदम उठाने होंगे, इसका अहसास लिझ ट्रुस ने कराया। यह कहते हुए ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने इकॉनॉमिक नाटो की कल्पना पेश की।

इसके साथ ही चीन जैसे देश के साथ मौसम के बदलाव जैसे गंभीर समस्याओं पर सहयोग करने में बिल्कुल भी मतलब ना होने की चेतावनी पश्चिमी देशों को दी है। क्यों कि, चीन कभी भी सच्चाई बताता नहीं और यह देश पारदर्शी भी नहीं हैं, कोरोना के बाद यह बात बड़ी तीव्रता से दुनिया के सामने आयी है, यह कहकर ट्रुस ने चीन की विश्वासार्हता पर ही सवाल किए हैं। ऐसे देश से सहयोग करते समय पश्चिमियों को सावधान रहना होगा, ऐसा ट्रुस ने कहा।

इसी बीच ट्रुस के इस बयान पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया सामने आयी है। असफल सियासी व्यक्ति के तौर पर चीन ने लिझ ट्रुस की कड़ी आलोचना की। ब्रिटेन में चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने ट्रुस को असफल सियासी किरदार बताया और उनके बयान उकसाने वाले है, यह आरोप भी लगाया। साथ ही चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने ट्रुस के बयानों पर ब्रिटेन को चेतावनी दी है।

ट्रुस के बयान ‘वन चाइना पॉलिसी’ यानी ताइवान चीन का ही हिस्सा हैं, यह स्वीकार ने की नीति के विरोधीहैं। इसका चीन-ब्रिटेन संबंधों पर असर हो सकता है, ऐसा इशारा चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने दिया है। 

एक ओर ट्रुस को असफल सियसी किरदार बताने के साथ ही दूसरी ओर इनके बयानों का ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों पर असर हो सकता हैं, ऐसी धमकी चीन दे रहा है। इससे चीन लिझ ट्रुस के बयान को बड़ी गंभीरता से देखता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही ‘इकॉनॉमिक नाटो’ की कल्पना चीन को खौफ में धकेल रही हैं, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं। 

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