आर्क्टिक क्षेत्र में नाटो का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू

ऑस्लो/ब्रुसेल्स – यूक्रैन पर जारी हमलों की तीव्रता रशिया बढ़ा रही हैं और तभी नाटो ने नॉर्वे में व्यापक युद्धाभ्यास शुरू किया हैं| ‘कोल्ड रिस्पॉन्स २०२२’ नामक इस युद्धाभ्यास में ३० देशों के करीबन ३५ हज़ार सैनिक शामिल हुए हैं| इस युद्धाभ्यास के दौरान ही ब्रुसेल्स में नाटो की बैठक शुरू हुई हैं और पूर्व यूरोप में ४० हज़ार सैनिकों को ‘रैपिड रिस्पॉन्स फोर्स’ के हिस्से तौर पर हाय अलर्ट पर तैनात किया गया हैं, यह ऐलान नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया|

रशिया-यूक्रैन युद्ध के तीन हफ्ते पूरे हो रहे हैं और आनेवाले कुछ दिनों में रशिया के यूक्रैन में जारी हमलें अधिक तीव्र होते दिख रहे हैं| हमलों का दायरा बढ़ने के साथ ही अमरीका और नाटो ने यूक्रैन को भारी मात्रा में रक्षा सहायता प्रदान की हैं| अमरीका के साथ नाटो के सदस्य  देश यूक्रैन को  लगातार हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं| दूसरीं ओर रशिया के पड़ोसी पूर्व यूरोपिय देशों में सैन्य तैनाती भी बढ़ाई गई हैं| रशिया पर दबाव बनाने के लिए अमरीका और नाटो अलग अलग विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं और नॉर्वे का यह युद्धाभ्यास भी इसी का हिस्सा बनता हैं|

नॉर्वे यह रशियन सीमा से जुड़ा देश होने से नाटो का इस देश में हो रहा युद्धाभ्यास ध्यान आकर्षित कर रहा हैं| इस युद्धाभ्यास में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स के साथ नाटो के २८ देश एवं स्वीडन और फिनलैण्ड जैसें गैर सदस्य देश भी शामिल हुए हैं| इस युद्धाभ्यास में ३५ हज़ार सैनिकों के साथ २०० विमान और ५० युद्धबोत एवं पनडुब्बियॉं शामिल हुई हैं| ब्रिटेन ने अपने विमान वाहक ‘एचएमएस एलिज़ाबेथ’ युद्धपोत को इस युद्धाभ्यास के लिए तैनात किया हैं और साथ ही ९०० रॉयल मरिन्स का दल भी भेजा हैं|

‘कोल्ड रिस्पॉन्स २०२२’ सुरक्षा के नज़रिये से आयोजित किया गया युद्धाभ्यास हैं| यह आक्रामक उद्देश्य से बनाई सैन्य मुहीम नहीं’, यह खुलासा नाटो ने किया है| रशियन सीमा से जुड़े देश में युद्धाभ्यास का आयोजन होने से यह युद्धाभ्यास ध्यान आकर्षित कर रहा हैं| आर्क्टिक क्षेत्र में नाटो ने आयोजित किया यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होने की बात कही जा रही है|

इसी बीच, यह युद्धाभ्यास जारी होने के दौरान ब्रुसेल्स में नाटो की बैठक का आयोजन किया गया| इस बैठक में नाटो ने यूरोप में अपनी तैनाती और योजना अधिक आक्रामक करने के संकेत दिए हैं| ‘पूर्व यूरोप में नाटो के नेतृत्व में करीबन ४० हज़ार सैनिक तैनात हैं| इसके अलावा अमरीका के १ लाख सैनिक यूरोपिय देशों में तैनात किए गए हैं| यह तैनाती स्पष्ट संदेश देनेवाली हैं| नाटो के सदस्य देश पर ह मला हुआ तो नाटो पूरी और निर्णायक क्षमता से प्रत्युत्तर देगी’, यह इशारा नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने दिया|

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