इथियोपिया-सुड़ान के सरहदी क्षेत्र की नदी में शव बरामद होने से सनसनी

इथियोपिया-सुड़ानआदिस अबाबा – इथियोपिया-सुड़ान के सरहदी क्षेत्र की नदी में ४० से अधिक शव बरामद होने से सनसनी फैली है। अधिकांश शव संघर्षग्रस्त तिगरे प्रांत के नागरिकों के होने की बात कही जा रही है। इस घटना ने तिगरे प्रांत में संघर्ष की बढ़ती तीव्रता भी सामने आयी है और इथियोपिया की सरकार ने इस घटना के लिए तिगरे के हथियारबंद गुटों को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्रसंगठन और अमरीका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस मुद्दे पर इथियोपिया सरकार को ही सवाल के दायरे में खड़ा किया है।

इथियोपिया और सुड़ान के बीच बहनेवाली हुमेरा नदी में यह शव बरामद हुए हैं। सुड़ान के स्वयंसेवी गुट और डाक्टरों ने इस दौरान तकरीबन ४३ शव बरामद होने की जानकारी साझा की है। कई शवों के हाथ बंधे हुए हैं और शरीर पर घावों के निशान भी पाए गए हैं। कुछ शवों के अवयव काटे हुए देखे गए होने की बात भी कही गई है। यह सभी शव तिरगेवंशियों के ही होने की बात मानी जा रही है। इस घटना से इथियोपिया की सेना की भीषण क्रूरता दिखाई दे रही है, यह दावे किए जा रहे रहे हैं।

लेकिन, इथियोपिया की सरकार ने यह आरोप ठुकराए हैं। नदी में बहे हुए शव तिगरे की बागी संगठनों ने जानबूझकर फेंके हैं, यह आरोप इथियोपिया की सरकार के प्रवक्ता ने लगाया है। इथियोपिया की सरकार को बदनाम करने की कोशिशों के हिस्से के तौर पर यह किया गया है, ऐसा बताया गया है। लेकिन, हथियारबंद विद्रोही संगठनों ने इन आरोपों से इन्कार किया है।

विद्रोही संगठनों पर आरोप लगा रही इथियोपिया की सरकार ने तिगरे में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी गुटों पर भी पाबंदी लगाई है। संघर्षग्रस्त तिगरे प्रांत मानवीय संकट के दहलीज पर है और २० लाख से अधिक नागरिकों को सूखा और भूखमरी की भीषण समस्या का मुकाबला करना पड़ेगा, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने हाल ही में दिया था। इस पृष्ठभूमि पर तिगरे में बड़ी मात्रा में मानवीय सहायता की ज़रूरत होते समय लगाई गई पाबंधी ध्यान आकर्षित कर रही है। पाबंदी लगाने के साथ ही विदेशी गुट गलत जानकारी फैला रहे हैं एवं तिगरे के हथियारबंद गुटों को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं, यह आरोप लगाया गया है।

इथियोपिया-सुड़ानइथियोपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने बीते वर्ष के नवंबर में तिगरे प्रांत में हमला किया था। इस कार्रवाई के लिए उन्होंने पड़ोसी देश इरिट्रिया से भी सहायता प्राप्त की थी। कुछ महीनों के संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री अहमद ने तिगरे प्रांत पर कब्ज़ा पाने का दावा किया था। लेकिन, उनका यह दावा खोखला होने की बात बीते कुछ हफ्तों से संघर्ष से सामने आयी है।

तिगरे के स्थानीय विद्रोही गुटों ने राजधानी मेकेल समेत प्रांत के अहम शहरों पर कब्ज़ा करने की कामयाबी हासिल की है। इथियोपिया के सैंकड़ों सैनिकों को युद्धबंद्धी के तौर पर हिरासत में लिया गया है। इस नामुष्की की पृष्ठभूमि पर इथियपिया की सरकार ने कुछ दिन पहले युद्धविराम का ऐलान किया है। लेकिन, विद्रोही गुटों ने युद्धविराम करने से इन्कार किया है और तिगरे पर पूरा कब्ज़ा होने तक संघर्ष जारी रखने का इशारा दिया है। इसी बीच तिगरे के गुटों ने अम्हारा प्रांत के एक हिस्से पर कब्ज़ा करने का वृत्त हाल ही में सामने आया है और इसकी वजह से संघर्ष की तीव्रता अधिक बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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