दर्फूर में वंशीय हिंसाचार में ५० लोगों की मृत्यु – सरकार द्वारा इमरजेंसी का ऐलान

darfurदर्फूर – सुदान में दर्फूर इलाके में हुए वंशीय संघर्ष में ५० लोगों की जान गई होकर, लगभग १३२ लोग घायल हुए हैं। ‘एल गेनैना’ भाग में हुए इस संघर्ष के बाद सुदान सरकार ने ‘वेस्ट दर्फूर’ प्रांत में इमरजेंसी का ऐलान किया है। पिछले चार महीनों में दर्फूर भाग में वंशीय संघर्ष भड़कने की यह तीसरी घटना है। सुदान के दर्फूर इलाके में तैनात की अंतर्राष्ट्रीय शांति सेना की कालावधी पिछले वर्ष खत्म हुई होकर, अब इस भाग में सुदानी लष्कर तैनात किया गया है। इस पृष्ठभूमि पर, पुनः भड़का वंशीय संघर्ष चिंताजनक माना जाता है।

शनिवार को अरब वंश के गुट ने मसालित वंश के नागरिकों पर हमला करके दो लोगों की हत्या की। इसमें दो नागरिक घायल भी हुए। इस घटना से बौखला गए मसालित वंशियों ने अरब वंश की बस्ती पर हमला किया। इस समय हुए हिंसाचार में ५० लोगों की जान गई बताई जाती है। दो दिन से अधिक समय तक यह संघर्ष जारी होकर, उसमें १३२ लोग घायल हुए होने की जानकारी स्थानिक यंत्रणाओं ने दी। घायलों में कइयों की हालत गंभीर होकर, मृतकों की संख्या बढ़ने का डर जताया जा रहा है।

darfurइस घटना के बाद सुदान सरकार ने ‘वेस्ट दर्फूर’ प्रांत में इमरजेंसी घोषित की है। उसके बाद संयुक्त राष्ट्र संगठन ने, इस इलाके में भेजी जानेवाली मानवीय सहायता अस्थाई समय के लिए रोकने का ऐलान किया है। सुदान के दर्फूर भाग में पिछले १५ सालों से अधिक समय वंशीय संघर्ष और हिंसाचार जारी है। पानी, खेती और ज़मीन के मुद्दे पर सन २००३ में यह संघर्ष भड़का था। स्थानीय जनजातियों ने सरकार के फैसले ठुकराकर सशस्त्र संघर्ष शुरू किया था। उसके विरोध में तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष ओमर बशीर ने लष्कर तैनात कर, स्वतंत्र बागी गुटों को ताकत प्रदान की थी। इस संघर्ष में अब तक लगभग तीन लाख लोगों की जान गई होकर, २५ लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

darfurदर्फूर में जारी हिंसाचार को रोकने के लिए सन २००७ में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने शांति सेना तैनात की थी। लेकिन उसके बाद भी हिंसाचार में कुछ खास कमी नहीं हुई है। उल्टे शांति सेना पर ही हमले होने की घटनाएँ हुईं हैं। शांतिसेना की कालावधि दिसंबर २०२० में ही खत्म हुई होकर, उसके बाद सुदानी लष्कर को तैनात किया गया है।

सुदान में पिछले साल बशीर की हुकूमत का तख्ता पलटकर लष्कर ने सत्ता पर कब्ज़ा किया है। उसके बाद देश में राजनीतिक हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई है। उसी समय पड़ोसी देश इथियोपिया के साथ सीमा विवाद भड़कने के संकेत भी मिल रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, दर्फूर में हुआ नया हिंसाचार, सुदान में नई अस्थिरता का कारण बन सकता है, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है।

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