लद्दाख की ‘एलएसी’ के क्षेत्र में तैनात चीनी सैनिकों का मनोबल टूटा

नई दिल्ली – लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारत और चीन के बीच निर्माण हुए सीमा विवाद का हल निकालने के लिए नौंवें चरण की चर्चा अभी शुरू नहीं हुई है। इस सीमा विवाद का हल निकालने के लिए उदार भूमिका अपनाने की गलती भारत न करे, ऐसी सलाह पूर्व लष्करी अधिकारी दे रहे हैं। यहां का तापमान मायनस २० से नीचे गिरा है और ऐसे में भारत ने चीन की शर्तें स्वीकारने की बिलकुल आवश्‍यकता नहीं है, यह दावा पूर्व लष्करी अधिकारी कर रहे हैं। साथ ही यहां पर तैनात चीनी सैनिकों की स्थिति अधिकाधिक बिगडने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस वजह से चीन के सैनिकों का मनोबल टूट चुका है और चीनी सेना को अपने सैनिकों के लिए ‘रिक्रिएशन सेंटर’ स्थापित करना पड़ रहा है।

ladakh-lacलद्दाख के सरहदी क्षेत्र में घुसपैठ करके भारत पर दबाव बढ़ाने की साज़िश चीन ने रची थी। लेकिन, वह घुसपैठ थोड़े समय के लिए ही थी। पर, भारतीय सेना द्वारा रोके जाने के बाद चीनी सेना ने इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करके चीनी सैनिकों ने २० भारतीय सैनिकों को शहीद किया। यह बात सच है। लेकिन, इसके बदले में दोगुनी से अधिक संख्या में चीन के सैनिक भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में मारे गए। इसके बाद आगबबूला हुई भारतीय सेना ने पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर स्थित पहाड़ियों पर कब्ज़ा करके चीन को बड़ा झटका दिया। इस वजह से चीन का वहां से पीछे हटना अधिक ही कठिन हुआ है।

ठंड़ का मौसम शुरू होने के बाद चीन के सैनिकों को लद्दाख के माहौल में ड़टे रहना कठिन होगा, यह इशारा भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी दे रहे थे। इसका प्रत्यय अब होने लगा हैं। लद्दाख की कड़ी ठंड़ में भी देश की सीमा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भारतीय सैनिक आज तक निभाते आ रहे हैं। लेकिन, चीनी सैनिकों को इसका अनुभव नहीं है। इस कारण लद्दाख के मायनस २० तापमान में चीन के सैनिक लगातार बीमार हो रहे हैं। इसके साथ ही कई चीनी सैनिकों को अस्पताल में भरती कराना पड़ रहा है।

इन सैनिकों की यातायात के लिए चीनी हेलिकॉप्टर्स का उड़ान भरना जारी है। इसमें खास बात यह है कि, लद्दाख की कड़ी ठंड़ में चीनी सैनिकों का मनोबल टूट चुका है। अपने सैनिकों में जोश और उत्साह भरने के लिए चीनी सेना ने गतिविधियां भी शुरू की हैं। इसके लिए ‘रिक्रीएशन सेंटर्स’ स्थापित किए गए हैं। इनमें गरम पानी के स्वीमिंग पुल्स, हॉट टब्ज, फिटनेस सेंटर, लायब्ररी एवं कंप्युटर्स उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही चीनी सैनिकों के लिए कई टन सामान की भी आपूर्ति की जा रही है।

लेकिन, इससे चीनी सैनिकों का मनोबल बढने की बिल्कुल संभावना नहीं है। अगले दिनों में लद्दाख के तापमान में अधिक गिरावट होगी। ऐसे माहौल में रहने की आदत ना होनवाले चीन के सैनिक अधिक टूटने की संभावना है। ऐसा होने के बावजूद प्रतिष्ठा का मुद्दा बनने के कारण चीन लद्दाख की एलएसी से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। लेकिन, इसकी बड़ी कीमत चीन को चुकानी पड़ेगी, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक देने लगे हैं। भारत की क्षमता और प्रतिक्रिया को लेकर चीन ने काफी गलत अनुमान लगाया और लद्दाख की एलएसी पर घुसपैठ करने की कोशिश की। इसके बाद चीन ने किए सभी निर्णय चीन पर ही भारी पड़े हैं। अगले दिनों में चीन को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह इशारा यह विश्‍लेषक दे रहे हैं। तभी दूसरी ओर सीमा विवाद का हल निकालने की भारत को ज़रासी भी जल्दबाज़ी करने की आवश्‍यकता नहीं है। भारतीय सेना यहां पर कितने भी समय तक ड़ेरा जमाए रह सकती है, यह बात भी पूर्व लष्करी अधिकारी स्पष्ट कर रहे हैं।

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