भारत की माँग के अनुसार रशिया ने की आवश्‍यक हथियारों की आपूर्ति

नई दिल्ली – लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव बना होते हुए पारंपरिक मित्रदेश रशिया ने भारत को आवश्‍यक हथियारों की आपूर्ति करने की बात सामने आ रही है। इस बारे में दोनों देशों से अधिकृत स्तर पर कुछ भी बयान प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन, चीन की नाराज़गी की परवाह किए बगैर भारत को हथियार प्रदान करने का निर्णय करके रशिया ने भारत के साथ जारी अपने सहयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी हुई दिख रही है।

rajnath-russia-indiaलद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ तनाव बढ़ने की स्थिति में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जून में रशिया का अहम दौरा किया था। रशिया के ‘विक्टरी डे’ की पृष्ठभूमि पर रशिया पहुँचे भारतीय रक्षामंत्री ने इस दौरान रशियन रक्षामंत्री से भेंट की थी। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रशिया के सामने ज़रूरी हथियारों की सूचि रखकर इसकी शीघ्र आपूर्ति करने के लिए कहा था। इसमें अन्य हथियारों के साथ ही गन्स, रॉकेट्स और बम्स का समावेश था, यह दावा एक समाचार चैनल ने किया है।

भारत के पारंपरिक मित्रदेश रशिया ने भारत की यह माँग पूरी की है, यह बात वर्णित समाचार चैनल ने कही। दोनों देशों ने अभी इस पर कोई भी खुलासा नहीं किया है। लेकिन, बीते कुछ महीनों में भारत और रशिया का सहयोग गतिमान हुआ है। भारत ने रशिया से २१ ‘मिग-२९’ विमान खरीदने की तैयारी रखी है और वायुसेना के बेड़े में मौजूद ५९ ‘मिग-२९’ विमानों के आधुनिकीकरण को लेकर भी दोनों देशों की चर्चा हुई है। भारतीय वायुसेना के साथ ही नौसेना के बेड़े में शामिल ‘मिग-२९’ लड़ाकू विमानों की बढ़ती भूमिका की पृष्ठभूमि पर यह खरीद हो रही है, यह दावा किया जा रहा है। इसके अलावा १२ ‘सुखोई-३०एमकेआय’ विमानों की खरीद पर भी दोनों देशों में समझौता होने की उम्मीद है।

इसके अलावा आधुनिक ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की आपूर्ति करने की प्रक्रिया तेज़ करने की माँग भी भारत ने रखी थी। इसके अलावा, भारत और रशिया ने संयुक्त कोशिश से विकसित किए विश्‍व के सबसे तेज़ ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल के आधुनिकीकरण के मुद्दे पर भी दोनों देशों की चर्चा हो रही है। इसके साथ ही अब शत्रु के ‘अवैक्स’ यंत्रणा से लैस विमानों को निशाना करने की क्षमता के ‘ब्रह्मोस मिसाइल’ का निर्माण भी किया जाएगा। अगले कुछ दिनों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान भारत और रशिया कुछ अहम रक्षा समझौते करने की बड़ी संभावना होने की बात कही जा रही है।

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