भारत में देखे गए चीनी ‘मनी लॉन्डरिंग रैकेट’ को हो रही थी पाकिस्तान के ‘आयएसआय’ की सहायता

नई दिल्ली – भारत में जासूसी और ‘मनी लॉन्डरिंग’ का रैकेट चलानेवाले चीन के जासूसों की पुछताछ से अहम जानकारी सामने आयी है। चीनी जासूसों को पाकिस्तान के कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ की सहायता प्राप्त हो रही थी, यह दावा गृह मंत्रालय के दाखिले से किया गया है। साथ ही ‘मनी लॉन्डरिंग’ के माध्यम से प्राप्त होनेवाला पैसा पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ को भारत में आतंकी गतिविधियां करने के लिए प्रदान होना था, यह बात भी सामने आ रही है। अगस्त और सितंबर में चीन के जासूसों के गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

‘मनी लॉन्डरिंग रैकेट’

भारत में जासूसों का नेटवर्क फैलाने के साथ ही चीन भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए चीन को पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा की सहायता प्राप्त हो रही थी। इसके लिए चीन ने भारत में करीबन हज़ार करोड़ रुपयों के हवाला रैकेट का निर्माण किया था। अगस्त में भारत में कुछ चीनी कंपनियां और उनकी सहयोगी भारतीय कंपनियों के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे मारे थे। इस दौरान ही चीन के इस ‘मनी लॉन्डरिंग रैकेट’ का खुलासा हुआ था और आगे की पुछताछ में चार्ली पेंग उर्फ लिओ सांग नामक चीनी नागरिक की गिरफ्तारी हुई थी। शेल कंपनियां और ४० बैंक खातों के माध्यम से यह रैकेट मनी लॉन्डरिंग का काम कर रहा था। प्रतिदिन करीबन तीन करोड़ रुपयों से अधिक रकम चार्ली पेंग खुफिया पद्धती से चीन भेज रहा था। इस हवाला रैकेट का सीधा चीनी सेना से संबंध था। साथ ही दलाई लामा की गतिविधियों पर नज़र रखना और भारत में रहनेवाले तिब्बतियों के ठिकानों की जानकारी प्राप्त करने का काम भी चार्ली पेंग कर रहा था। यह सभी काम वह चीन की गुप्तचर संगठन ‘मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्युरिटी’ (एमएसएस) के लिए कर रहा था।

चार्ली पेंग ने पुछताछ के दौरान किए खुलासे के बाद अन्य तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें चीनी महिला ‘किंग शी’, उसका नेपाली साथी शेर बहादुर एवं इन सभी लोगों को जानकारी प्रदान करने में जुटे राजीव शर्मा नामक मुक्त पत्रकार को भी गिरफ्तार किया गया था। ‘किंग शी’ की पूछताछ के दौरान उसने प्रधानमंत्री दफ्तर से अहम सरकारी खातों में जासूसी करने की और वहां से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश में होने का चौकानेवाला खुलासा किया था।

अब इससे संबंधिक अधिक जानकारी सामने आयी है और चीन को भारत में जासूसी का नेटवर्क स्थापित करने के लिए और हवाला रैकेट का विस्तार करने के लिए पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ का भी साथ प्राप्त हो रहा था, यह बात गिरफ्तार किए गए इन चीनी जासूसों ने कबूल की है, ऐसा वृत्त है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के दाखिले से यह वृत्त प्रसिद्ध हुआ है। साथ ही भारत में अस्थिरता और अशांति फैलाने के लिए मनी लॉन्डरिंग से प्राप्त होनेवाला पैसा ‘आयएसआय’ को प्रदान होना था, यह दावा भी किया गया है। चीन-पाकिस्तान की यह सांठ-गांठ गंभीर चिंता का विषय है और इस मुद्दे पर भारतीय सुरक्षा यंत्रणा ने पहले ही इशारा दिया था।

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