रशिया को रोकने के लिए अमरिका की ओर से यूरोप में स्थित रक्षा अड्डों का आधुनिकीकरण, २१ करोड़ डॉलर्स का प्रावधान

वॉशिंग्टन / मॉस्को: रशिया की ओर से यूरोपीय सीमा इलाकों में चल रही आक्रामक लष्करी गतिविधियों को रोकने के लिए, अमरिका ने जोरदार कोशिशें शुरू की हैं। इस के लिए यूरोप में स्थित ९ हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण की योजना हाथों में ली गई है और उसके लिए करीब २१ करोड़ डॉलर्स के निधि का प्रावधान किया गया है, यह जानकारी अमरिकी कमांड ने दी है। अमरिका के ‘एफ-२२ रॅप्टर’, ‘एफ-३५’ और ‘पी-८ए पोसायडन’ इन प्रगत लड़ाकू साथ ही पहरा देने वाले विमानों को तैनात किया जा सके, इसलिए यह कार्यक्रम हाथों में लिया गया है, ऐसा कहा गया है।

आधुनिकीकरण

यूरोप के ‘युएस कमांड’ के प्रवक्ता मेजर जुआन मार्टिनेझ ने ‘एयरफोर्स टाइम्स’ इस वेबसाइट को दिए हुए इंटरव्यू में नए प्रावधान की जानकारी दी है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते सन २०१८ के लिए रक्षा खर्च के विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इस विधेयक में, अमरिका के ‘एयरफोर्स सेक्रेटरियों’ को हवाई अड्डे का निर्माण और आधुनिकीकरण के लिए अमरिका का बाहर जगह खरीदने और निर्माण के लिए अनुमति दी गई है। उस के लिए २१.४ करोड़ डॉलर्स का प्रावधान विधेयक में है।

अमरिका ने यूरोप में स्थित रक्षा विषयक प्रावधान के लिए बनाए गए ‘यूरोपियन डिटरन्स इनिशिएटिव’ (ईडीआई) अंतर्गत नए निधि का प्रावधान किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। इस निधि के माध्यम से यूरोप के आठ देशों में स्थित ९ अड्डों का आधुनिकीकरण किया जाने वाला है। इसमें नॉर्वे, आइसलैंड, लक्झेंबर्ग, रोमानिया, हंगेरी, स्लोव्हाकिया, इस्टोनिया और लाटव्हिया के अड्डों का समावेश है।

आइसलैंड के ‘केफ्लॅविक नॅव्हल एअर स्टेशन’ में ‘पी-८ए पोसायडन’ इस पहरा देने वाले विमान के लिए नए हँगर्स निर्माण किए जाने वाले हैं। हंगेरी के ‘केकस्केमेट एयर बेस’ पर नए ‘रनवेज’ और इंधन भण्डारण की क्षमता बढाने के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस्टोनिया के ‘अमारी एयरबेस’, लक्झेंबर्ग के ‘सॅनम एयरबेस’, रोमानिया के ‘कॅम्पिआ तुर्झी’ इन अड्डों का भी आधुनिकीकरण किया जाने वाला है। लक्झेंबर्ग के हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण के लिए सर्वाधिक ६.७४ करोड़ डॉलर्स का प्रावधान है।

यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए अमरिका ने बनाए ‘यूरोपियन डिटरन्स इनिशिएटिव’ (ईडीआई) कार्यक्रम के लिए करीब ४.६ अरब डॉलर्स का प्रावधान किया गया है और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इसमें बढ़ोत्तरी करने के संकेत दिए हैं। अमरिका के साथ नाटो सदस्य देश ब्रिटेन, जर्मनी और फ़्रांस इन देशों ने भी रशियन सीमा के पास स्थित यूरोपीय देशों में लष्करी तैनाती बढ़ने के संकेत दिए हैं।

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