‘एलएसी’ का उल्लेख ‘भारत-तिब्बत सीमा’ ऐसा ही करें – तिब्बती शरणार्थी सरकार के प्रमुख का आवाहन

नई दिल्ली/ धरमशाला – ‘लाईन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल’ (एलएसी) को भारत-चीन सीमा रेखा समझना यानी चीन ने तिब्बत की ज़मीन पर किए कब्ज़े को वैधता देनेवाला साबित होता है। पिछले ६० वर्षों से सभी लोग ‘एलएसी’ का उल्लेख ‘चीन की सीमा’ ऐसा ही करते रहे हैं। लेकिन, इससे चीन की आक्रामकता को और भी बल प्राप्त हुआ। इसी कारण इस सीमा का उल्लेख अब ‘भारत-तिब्बत सीमा’ ऐसा करना चाहिए, ऐसा आवाहन भारत में स्थित शरणार्थी तिब्बती सरकार के प्रमुख डॉ.लॉबसांग सांगेय ने किया है। साथ ही, तिब्बत के कार्यकर्ता तेन्झिन त्सुनडू ने, तिब्बत की आज़ादी ही भारत के लिए, चीन के विरोध में सबसे बेहतर सुरक्षा साबित होगी, यह सुझाव रखा है।

‘भारत-तिब्बत सीमा’

अमरीका ने पिछले महीने में ही अपनी संसद में तिब्बत की आज़ादी का विधेयक पेश किया था। साथ ही, तिब्बत में विदेशी पर्यटकों को जाने से रोक रहें चिनी अधिकारियों को अमरीका में प्रवेश ना देने का निर्णय अमरीका ने किया है। उसीके साथ, अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने, तिब्बती नागरिकों पर चीन ने अत्याचार करने का मुद्दा दो दिन पहले ही उपस्थित किया था और बड़ी कार्रवाई के संकेत भी दिए थे। कोरोना वायरस की वजह से विश्‍वभर में चीन के विरोध में माहौल बना है। उसी में, लद्दाख की गलवान वैली में दगाबाज़ी करके भारतीय सैनिकों पर हमला करनेवाले चीन के विरोध में भारत के साथ विश्‍वभर में माहौल काफ़ी गरम हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर, इतने वर्ष तक अपनी सैनिकी और राजनीतिक ताकत के बल पर तिब्बती नागरिकों की आवाज़ दबानेवाले चीन के विरोध में तिब्बती शरणार्थी आक्रामक हुए दिखाई दे रहे हैं।

चीन ने तिब्बत की ज़मीन पर ज़बरन कब्ज़ा किया। लेकिन, चीन को इस पर संतोष नहीं है। उसने अपनी विस्तारवादी नीति कायम रखी है। इसी दौरान भारत और तिब्बत की सीमा का उल्लेख ‘भारत-चीन सीमा’ ऐसा करना शुरू हुआ। लेकिन, असल में यह भारत और तिब्बत की सीमा है। ऐसा होते हुए इस सीमा का उल्लेख ‘भारत-चीन सीमा’ ऐसा करने से चीन की आक्रामकता को वैधता प्राप्त हुई, ऐसा अफ़सोस सांगेय ने व्यक्त किया।

एक समाचार पत्र को दिये हुए इंटरव्यू के दौरान सांगेय ने फिर एक बार, भारत-तिब्बत सीमा पहले थी, वैसी ही करना आवश्‍यक होने का बयान किया। भारत और तिब्बत के हज़ारों वर्षों से ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। यह सीमा पहले जैसी होने पर भारत और चीन के बीच बने सीमा विवाद का हल निकलेगा, यह बात भी सांगेय ने कही है। साथ ही, कोरोना वायरस से उभरी संकटस्थिति का ग़लत फ़ायदा उठा रहें चीन के विरोध में अब विश्‍वभर के समविचारी देशों को एकत्रित आना होगा, यह आवाहन भी सांगेय ने किया।

इसी बीच, ‘तिब्बती युथ काँग्रेस’ इस संगठन ने कुछ ही दिन पहले, तिब्बत को भारत और चीन के बीच का स्वतंत्र ‘बफर स्टेट’ घोषित करने के लिए मुहिम शुरू की थी। शुक्रवार के दिन हिमाचल प्रदेश के धरमशाला में तिब्बती नागरिकों ने जोरदार प्रदर्शन किए और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की प्रतिमा का दहन किया। साथ ही, चिनी सामान को भी आग के हवाले किया। इस समय इन प्रदर्शनकारियों ने, सारा विश्‍व ही चिनी सामान का बहिष्कार करें, ऐसा आवाहन भी बड़ी तीव्रता के साथ किया।

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