काबुल युनिवर्सिटी पर हुए आतंकी हमले का ‘मास्टरमाईंड’ गिरफ्तार

काबुल – अफ़गानिस्तान की काबुल युनिवर्सिटी पर हुए आतंकी हमले के मास्टरमार्इंड की अफ़गान यंत्रणा ने गिरफ्तारी की है। इसके साथ ही युनिवर्सिटी पर हुआ हमला तालिबान के हक्कानी नेटवर्क ने किया है, यह बात भी स्पष्ट हुई है। इससे संबंधित अधिक ब्यौरा अफ़गानिस्तान द्वारा सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन, पाकिस्तानी सेना, आयएसआय एवं हक्कानी नेटवर्क के घने संबंध बार बार स्पष्ट हुए हैं। कुछ दिन पहले ही प्राप्त एक वृत्त अहवाल में भारतीय गुप्तचर यंत्रणा के हवाले से, इस हमले के पीछे पाकिस्तान का ‘आयएसआय’ होने का दावा किया गया था। इस पृष्ठभूमि पर, काबुल युनिवर्सिटी पर हुए हमले के पीछे हक्क्कानी नेटवर्क होने की बात स्पष्ट करनेवाला वृत्त ध्यान आकर्षित कर रहा है।

अफ़गानिस्तान की काबुल युनिवर्सिटी के प्रांगण में २ नवंबर के दिन आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने युनिवर्सिटी के प्रांगण में प्रवेश करके अंधाधुंद गोलीबारी की थी। इस दौरान २२ लोग मारे गए थे और १०० से भी अधिक घायल हुए थे। इनमें अधिकांश संख्या छात्रों की थी। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने की कार्रवाई में तीनों हमलावर आतंकी मारे गए थे। इस हमले की साज़िश करनेवाले आतंकी को गिरफ्तार करने में अफ़गान यंत्रणा कामयाब हुई है। अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस सफलता की जानकारी साझा की। उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने इन आतंकी का सिर्फ पहला नाम घोषित किया है। सालेह ने इस आतंकी का नाम ‘आदिल’ बताया है। आदिल, हक्कानी नेटवर्क का सदस्य होने की जानकारी भी सालेह ने प्रदान की है।

इस हमले की ज़िम्मेदारी पहले आतंकी संगठन ‘आयएस’ ने स्वीकारी थी। लेकिन, उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने काबुल युनिवर्सिटी में हुए हमले के पीछे तालिबान का हाथ होगा, यह संभावना भी जताई थी। तालिबान ने उनका यह दावा ठुकराया था। लेकिन, अफ़गानिस्तान की यंत्रणा, इस हमले के पीछे तालिबान का ही हाथ होने के अपने दावे पर कायम थी। आखिर में आदिल की गिरफ्तारी से और उसके हक्कानी नेटवर्क से साथ बने संबंधों से अफ़गान यंत्रणा के दावे की सच्चाई सामने आयी है।

आदिल का परिवार काबुल के पुल ए चक्री क्षेत्र में रहता है। बीते तीन वर्षों से आदिल लापता था। वह शिक्षा प्राप्त करने विदेश गया है, ऐसी अफवाहें फैलाईं गईं थीं। लेकिन, असल में वह हक्कानी नेटवर्क में शामिल हुआ था। उसकी पूछताछ के दौरान काबुल युनिवर्सिटी पर हमला करने की बात उसने कबूल की है, यह दावा अफ़गान उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने किया है। अफ़गानिस्तान की सरकार पर दबाव बनाने के लिए और उसे कमज़ोर करने के लिए यह हमला किया होने की बात आदिल ने स्वीकार की है। आदिल ने इस हमले के लिए, अफ़गानिस्तान के खोस्त प्रांत में मौजूद हक्कानी नेटवर्क से हथियार प्राप्त करने की बात सामने आयी है। लेकिन, हक्कानी नेटवर्क ने यह दावा ठुकराया है और आदिल हक्कानी नेटवर्क का सदस्य नहीं है, यह भी कहा है।

इसी बीच, बीते सप्ताह में भारतीय गुप्तचर संस्था के हवाले से जारी हुए एक वृत्त में, काबुल हमले के पीछे आयएसआय का हाथ होने का दावा किया गया था। ‘आयएसआय’ अफ़गानिस्तान में कार्यरत अलग अलग आतंकी संगठनों को पकड़कर अफ़गानिस्तान में हिंसा फैला रहा है। अमरीका ने तालिबान के साथ शांति समझौता किया है और उसके अनुसार अमरीका जल्द से जल्द अफ़गानिस्तान छोड़ें, इसी प्रतिक्षा में पाकिस्तान है। अमरीका ने अफ़गानिस्तान से पूरी सेना हटाने के बाद अफ़गानिस्तान में तालिबान की सरकार स्थापित हों, यह उम्मीद भी पाकिस्तान रखता है। इसी उम्मीद की खातिर अफ़गानिस्तान में अपना दबाव बढ़ाने की कोशिश में पाकिस्तान वहाँ पर हमलें करवा रहा है। इस वजह से अगले दिनों में अफ़गानिस्तान में और भी हमलें होने की संभावना भारतीय गुप्तचर संस्था ने जताई है, यह बात वर्णित वृत्त में कही गई है।

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