अफगानिस्तान में हमले में २२ सैनिकों के साथ ३० लोगों की मौत

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के साथ साथ फराह और हेल्मंड प्रान्त में पिछले २४ घंटों में की गई हिंसा में २२ सैनिकों के साथ ३० लोगों की जान गई है। इसमें फराह प्रान्त के अफगानी लष्कर के अड्डे पर हुआ हमला सबसे भीषण साबित हुआ है और अफगानी लष्कर की असफलता फिर एक बार सामने आई है। इन सभी हिंसक घटनाओं में तालिबान का हाथ है, यह स्पष्ट हुआ है।

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शनिवार की सुबह तालिबानी आतंकवादियों ने पश्चिम अफगानिस्तान में स्थित फराह प्रान्त के अफगानी लष्कर के अड्डे पर हमला किया गया। इस हमले में २२ सैनिकों की जान गई है। लष्कर ने किए प्रति हमले में तालिबानी आतंकवादी भी मारे गए हैं, लेकिन उनकी संख्या घोषित नहीं की गई है। इस साल अफगानिस लष्कर पर हुआ यह सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जाता है।

फराह प्रान्त के हमले के बाद तालिबान ने शनिवार को राजधानी काबुल में स्थित नाटो मुहीम के मुख्यालय के पास आत्मघाती विस्फोट किया। इस्मने आत्मघाती हमलवार के साथ तीन जवानों की जान गई। हेल्मंड प्रान्त में भी शनिवार को दो आत्मघाती विस्फोट हुए हैं। इस विस्फोट में दो सैनिक और एक नागरिक की मौत हुई है।

अफगानिस्तान में एक के बाद होने वाले इन आतंकवादी हमलों के पीछे अमरिका की नई नीति की वजह है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है। अमरिका ने पिछले कुछ दिनों में तालिबानी आतंकवादियों को सीधे लक्ष्य बनाने की नीति लागू की है, जिसमे उन्हें बहुत बड़ी सफलता मिलने का भी दावा किया जा रहा है।

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