ईरान-पाकिस्तान ने किया सहयोग दृढ़ करने का ऐलान

इस्लामाबाद/तेहरान – ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया। पाकिस्तान के साथ व्यापक संबंध विकसित करने के लिए ईरान उत्सुक होने की बात विदेशमंत्री ज़रिफ ने इस दौरे के दौरान स्पष्ट की। अपने दो दिन के इस दौरे में ईरान के विदेशमंत्री ने सबसे पहले सेनाप्रमुख जनरल कमर बाजवा और उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान से भेंट की। पाकिस्तान ने अब सौदी अरब के गुट से बाहर निकलकर ईरान, तुर्की के गुट में शामिल होने का निर्णय किया है, ऐसें संकेत भी ईरान के विदेशमंत्री के इस पाकिस्तान दौरे से प्राप्त हो रहे हैं।

ईरान-पाकिस्तान

ईरान के विदेशमंत्री ज़रिफ ने दो दिन पहले बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान का दौरा किया। ज़रिफ ने पहले पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल कमर बाजवा और बाद में प्रधानमंत्री इम्रान खान और विदेशमंत्री शाह मेहमूद कुरेशी से भेंट की। इस दौरे में ईरान के विदेशमंत्री ने पाकिस्तान की सरकार एवं लष्करी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय व्यापार एवं लष्करी सहयोग के मुद्दे पर बातचीत की। बीते कुछ वर्षों से ईरान और पाकिस्तान का सहयोग पिछड़ रहा था। लेकिन, इसके आगे दोनों देशों के सहयोग की गति बढ़ाकर इसे अधिक व्यापक करने पर दोनों देशों के नेताओं की सहमति हुई है।

इस नये सहयोग की पृष्ठभूमि पर ईरान-पाकिस्तान पाईपलाईन दुबारा शुरू होगी, ऐसा कहा जा रहा है। ईरान ने इस पाईप लाईन की परियोजना का काम पूरा किया था। लेकिन, पाकिस्तान ने अमरिकी प्रतिबंधों के ड़र से इस परियोजना को रोक रखा था। लेकिन, अब अमरीका की धमकी की परवाह किए बिना पाकिस्तान ईरान के साथ सहयोग का भी विस्तार करेगा, ऐसें संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर भी दोनों देशों के नेताओं की चर्चा होने की जानकारी पाकिस्तानी माध्यमों ने साझा की है।

ज़रिफ का बीते छह महीनों में पाकिस्तान का यह दूसरा दौरा था। ईरान के विदेशमंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा राजनीतिक स्तर तक सीमित था। लेकिन, इस दौरे में ईरान के विदेशमंत्री ने पाकिस्तानी सेनाप्रमुख से भेंट करके की हुई चर्चा पर पाकिस्तानी अख़बार ग़ौर फ़रमा रहे हैं। इस क्षेत्र में तेज़ी से बदल रहीं गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर ज़रिफ की इस पाकिस्तान दौरे की अहमियत बढ़ी है, ऐसा पाकिस्तानी माध्यम कह रहे हैं। अमरीका में सत्ता में बदलाव हो रहा है और ईरानविरोधी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के स्थान पर अब जो बिडेन राष्ट्राध्यक्ष हो रहे हैं। इस वजह से अमरीका की ईरान-संबंधित नीति उदार होगी, इसे ध्यान में रखकर पाकिस्तान ने ईरान के साथ हाथ मिलाना शुरू किया है। लेकिन, इसपर सौदी अरब और सौदी के प्रभाव के देश तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ करने की कड़ी संभावना है।

सौदी ने प्रदान किए दो अरब डॉलर्स का कर्ज़ लौटाने के लिए पाकिस्तान को कहा है। वहीं, पाकिस्तान के माध्यम सौदी को लष्करी सहयोग रोकने की धमकियां दे रहें हैं। आजतक सिर्फ सौदी के कहने पर पाकिस्तान ने ईरान के साथ सहयोग करना रोक रखा था। लेकिन, सौदी ने इस बात का कभी भी एहसास नहीं रखा, ऐसीं शिकायतें कुछ पाकिस्तानी पत्रकार एवं विश्‍लेषक कर रहें हैं। इसके साथ ही, सौदी की नाराज़गी झेलने की क्षमता पाकिस्तान नहीं रखता, इस बात से इम्रान खान की सरकार को ज्ञात कराने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार ने सौदी के विरोध में जाने का निर्णय करने के संकेत ईरान के विदेशमंत्री की इस पाकिस्तान यात्रा से प्राप्त हो रहे हैं।

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