बांगलादेश में सरकार के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन

ढ़ाका – बांगलादेश में ईधन की कीमतें एक ही दिन में ५० प्रतिशत बढ़ाई गईम। इससे पहले से महंगाई से झुलस रही बांगलादेश की जनता का असंतोष उमड़कर फूटा और सरकार के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन शुरू हो गए। कुछ ठिकानों पर इन प्रदर्शनों में हिंसा शुरू हुई। साथ ही कुछ स्थानों पर पेट्रोल पंप को प्रदर्शकारियों ने घेकर ईंधन की कीमतों की बढ़ोतरी रद्द करने की माँग की। श्रीलंका की खस्तापूर्ण अर्थव्यवस्था के बाद कुछ ही दिन पहले श्रीलंका में जनता का बड़ा गुस्सा उमडा और बड़े प्रदर्शन शुरू हुए थे। बांगलादेश भी इसी राह पर होने के दावे कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।

सरकार के खिलाफबांगलादेश की सरकार ने शनिवार को पेट्रोल-डिज़ल की कीमतों की भारी ५२ प्रतिशत बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था। बांगलादेश के निर्माण के बाद अब तक हुई ईंधन की कीमतों की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इस वजह से एक ही रात में पेट्रोल की कीमत ८९ टका प्रतिलीटर से बढ़कर १३५ टका हुई। इसके अलावा डिज़ल और केरोसिन की कीमतें भी ४५ प्रतिशत बढ़ाई गई हैं। पिछले कुछ महीनों से बांगलादेश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में भारी गिरावट आई है तथा कर्ज़ का भार बढ़ा है। इस साल के शुरू में ४५ अरब डॉलर्स का विदेशी मुद्रा भंड़ार कम होकर अब ३८ अरब डॉलर्स हुआ है। विदेशी मुद्रा भंड़ार कम होने की वजह से बांगलादेश ने पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से ४.५ अरब डॉलर्स कर्ज़ प्रदान करने की गुहार लगायी थी। इस पृष्ठभूमि पर बांगलादेश सरकार ने पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का निर्णय किया है।

यूक्रेन युद्ध की वजह से उछली ईंधन की कीमतें एवं खाने का तेल और अनाज की कीमतें बांगलादेश के आयात का खर्च बढ़ा रही हैं और काफी तेज़ी से विदेशी मुद्रा भंड़ार घटता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज़ पाने से पहले ईंधन के लिए प्रदान हो रही रियायत रद्द करने की शर्त होने की खबरें प्राप्त हुई हैं। इस वजह से ईंधन की कीमतों में यह बढ़ोतरी की गई। लेकिन, इस अभूतपूर्व बढ़ोतरी से बांगलादेश में बड़ा असंतोष उमडा। बांगलादेश में पहले से महंगाई काफी बढ़ी हुई है। ऐसे में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महंगाई का और विस्फोट होने की संभावना जतायी जा रही है।

पाकिस्तान और श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंड़ार खत्म होने की कगार पर होने से काफी बड़ा आर्थिक संकट उभरा है। श्रीलंका में बड़े प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रध्यक्ष और प्रधानमंत्री को सत्ता छोड़कर भागना पड़ा था और नई सरकार गठित हुई थी। भारत की सहायता से श्रीलंका फिर से खड़ा होने की कोशिश कर रहा है। अब बांगलादेश के रूप में भारत के और एक पड़ोसी देश की स्थिति बिगड़ने का ड़र व्यक्त किया जा रहा है।

इसी बीच चीन के विदेशमंत्री वैंग यी बांगलादेश के दौरे पर हैं और ऐसे में दोनों देशों ने चार अहम समझौते किए। इनमें समुद्री अनुसंधान और आपादस्थिति की सहायता के लिए किया गया समझौता भारत के नज़रिये से संकट साबित हो सकता है। इन समझौते के माध्यम से चीन अब बांगलादेश की अर्थव्यवस्था पर अपना प्रभाव बढ़ाएगा, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है।

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