भारत के ‘तेजस’ को मलेशिया की पहली पसंदी – जल्द ही बातचीत शुरू होने के संकेत

नई दिल्ली – भारत ने पिछले सात सालों में ३८ हज़ार करोड़ रुपयों के रक्षा सामान का निर्यात किया है। अब तक हथियारों का सबसे बड़ा आयातक कहा जाने वाला भारत अब जल्द ही हथियारों का बड़ा निर्यातक होगा, ऐसा विश्वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया था। कुछ हफ्ते पहले फिलिपाईन्स ने भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने का समझौता किया। अब मलेशिया भारत से लड़ाकू ‘तेजस’ विमान खरीदने के लिए उत्सुक है। चीन, दक्षिण कोरिया और रशिया के लड़ाकू विमानों की होड़ में मलेशिया ने ‘तेजस’ को पहली पसंद कहा है।

अब तक भारतीय निर्माण के पिस्तौल, राइफल्स को विदेश से मांग हो रही थी। लेकिन, पिछले कुछ सालों से भारतीय निर्माण के मिसाइल्स, हेलीकॉप्टर्स, लड़ाकू विमान और विध्वंसकों को बहुत पसंद किया जा रहा है। इनमें ‘तेजस‘ लड़ाकू विमान की हर स्तर पर सराहना हो रही है, ऐसी खबरें प्राप्त हुईं थी। अंतरराष्ट्रीय एअर शो में ‘तेजस’ को विदेशी सेना अधिकारी और विश्लेषकों ने पसंद किया था। प्रगत तकनीक से लैस ‘तेजस’ अन्य देशों के इसी श्रेणी के लड़ाकू विमानों से अधिक उमदा होने का दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने किया था।

आग्नेय एशियाई एवं खाड़ी और लैटीन अमरिकी देशों ने भी तेजस की खरीद के लिए पूछताछ शुरू की है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, इस मुद्दे पर किसी भी देश का नाम नहीं लिया जा रहा था। पर, मलेशिया जल्द ही तेजस खरीद सकता है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। ‘हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (हल) के अध्यक्ष आर.माधवन ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार मलेशिया के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही भारत आ रहे हैं।

चीन का ‘जेएफ-१७’, दक्षिण कोरिया का ‘एफए-५०’ और रशिया के ‘मिग-३५’ लड़ाकू विमान की तुलना में भारत के ‘तेजस’ विमान खरीदने के लिए मलेशिया उत्सुक है। चीन का लड़ाकू विमान सस्ता होने के बावजूद ‘तेजस’ की बराबरी का ना होने का दावा किया जा रहा है।

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