जम्मू-कश्‍मीर में हुई अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों पर बड़ी कार्रवाई; – १६८ रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘डिटेंशन सेंटर’ भेजा गया

– ६ हज़ार रोहिंग्या का ‘बायोमेट्रिक डाटा’ बनाने का काम शुरू

श्रीनगर/जम्मू – जम्मू-कश्‍मीर में अवैध तरीके से रह रहें रोहिंग्या शरणार्थियों पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करना शुरू किया है। जम्मू-कश्‍मीर में रोहिंग्या नागरिकों का ‘बायोमेट्रिक डाटा’ बनाकर उन्हें ‘होल्डिंग सेंटर’ (डिटेंशन सेंटर) में भेजा जाएगा। इन अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार भेजने के उद्देश्‍य से यह कार्रवाई अहमियत रखती है। शनिवार के दिन जम्मू के ‘एम.ए.स्टेडियम’ में ३०० से अधिक रोहिंग्याओं को लाया गया था। वहाँ पर इन रोहिंग्याओं का ‘बायोमेट्रिक डाटा’ बनाया गया। इनमें से १६८ रोहिंग्याओं को बाद में कठुआ के हिरानगर जेल में तैयार किए गए ‘होल्डिंग सेंटर’ में रखने का वृत्त है।

JK-Rohingyaजम्मू-कश्‍मीर में अवैध तरीके से रहनेवाले विदेशी नागरिकों को दोबारा उनके देश भेजा जाए, ऐसी माँग स्थानीय स्तर पर लगातार की जा रही है। जम्मू-कश्‍मीर में करीबन १३,६०० विदेशी नागरिक अवैध तरीके से रह रहे हैं, यह दावा किया जा रहा है। ऐसें अवैध विदेशी नागरिकों की सबसे अधिक संख्या जम्मू और सांबा जिले में देखी गई है। इसके अलावा दोड़ा, पुंछ, अनंतनाग में भी कुछ मात्रा में अवैध विदेशी नागरिक रह रहे हैं।

इन विदेशी नागरिकों में सबसे अधिक संख्या म्यांमार के रोहिंग्या और बांगलादेश के नागरिकों की है। जम्मू-कश्‍मीर में करीबन ६,५०० से अधिक रोहिंग्या नागरिक रह रहे हैं, ऐसा सरकारी आँकड़ों से स्पष्ट हो रहा है। इनमें से ९० प्रतिशत रोहिंग्या जम्मू में बसे हैं और १० प्रतिशत रोहिंग्या कश्‍मीर घाटी में बसे हैं। जम्मू में ३० ठिकानों पर रोहिंग्या नागरिकों के इलाके बने हैं।

देशभर में करीबन ४० हज़ार से भी अधिक रोहिंग्या शरणार्थी अवैध तरीके से रह रहे हैं। इन रोहिंग्याओं को फिर से उनके देश में भेजा जाएगा, यह बात केंद्र सरकार ने कई बार स्पष्ट की है। साथ ही सर्वोच्च अदालत में हुई एक याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने शपथपत्र पेश करते हुए, इन अवैध रोहिंग्या नागरिकों से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने की बात स्पष्ट की थी। गुप्तचर संस्थाओं ने पेश की रिपोर्ट की बुनियाद पर इन अवैध रोहिंग्या नागरिकों के आतंकी संगठन और अपराधिक गिरोह से ताल्लुकात होने का दावा केंद्र सरकार ने किया था। साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों का ‘बायोमेट्रिक डाटा’ तैयार करने के निदेश राज्यों को दिए थे। इसके ज़रिये इन रोहिंग्याओं की पहचान करना मुमकिन होगा। साथ ही उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखना संभव होगा। इसके अलावा इन्हें फिर से उनके देश भेजने की प्रक्रिया भी आसान होगी।

इस पृष्ठभूमि पर जम्मू-कश्‍मीर प्रशासन ने राज्य में बसे अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों का ‘बायोमेट्रिक डाटा’ तैयार करने का काम शुरू किया है। साथ ही कुछ रोहिंग्याओं को ‘होल्डिंग सेंटर’ में भेजा गया है। शनिवार के दिन इसी कार्रवाई के तहत ३०० से अधिक रोहिंग्या नागरिकों को जम्मू के ‘एम.ए.स्टेडियम’ में लाया गया। वहाँ पर उनकी उंगलियों के निशान एवं ‘बायोमेट्रिक डाटा’ के साथ फॉर्म भरें गए। इसमें इन नागरिकों की अन्य जानकारी दर्ज़ की गई है।

इनमें से १६८ रोहिंग्याओं को हिरानगर में तैयार किए गए ‘होल्डिंग सेंटर’ भेजा गया है। ‘फॉरेनर ऐक्ट’ की धारा ३(२) के अनुसार इस ‘होल्डिंग सेंटर’ का निर्माण किया गया है। इस ‘होल्डिंग सेंटर’ का निर्माणकार्य कुछ दिन पहले ही पूरा हुआ। वहाँ पर २५० लोगों को रखने की व्यवस्था बनाई गई हैं। ‘पासपोर्ट ऐक्ट’ की धारा ३ के तहत कार्रवाई करके इन अवैध रोहिंग्या नागरिकों को वहाँ पर रखा जा रहा है। लेकिन, कठुआ के पुलिस अफसर ने इससे संबंधित अधिक जानकारी देने से इन्कार किया। लेकिन रोहिंग्याओं को उनके देश वापिस भेजने के लिए शुरू की गई गतिविधियों के तौर पर इस कार्रवाई को देखा जा रहा है।

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