अमरीका और यूरोपिय देशों के साथ विश्व के प्रमुख देशों की चीनी यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने की गतिविधियां – चीन की ‘रिओपनिंग’ नीति की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना

वॉशिंग्टन/रोम/बीजिंग – चीन ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करके नागरिकों पर लगाए प्रतिबंध हटाने के बाद कोरोना के प्रकोप ने कोहराम मचाने की जानकारी सामने आ रही हैं। इस महामारी की सही जानकारी साझा करने के बजाय चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने फिर से जानकारी छुपाने की भूमिका अपनाई है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय खौफ में है और कई प्रमुख देशों ने चीनी यात्रियों पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया है। अमरीका के साथ जापान, इटली और भारत इन प्रमुख देशों ने हवाई मार्ग से दाखिल हो रहे चीनी यात्रियों को कोरोना परीक्षण अनिवार्य किया है।

कुछ हफ्ते पहले चीन ने कोरोना की महामारी रोकने के लिए थोपी ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने का निर्णय किया था। इसके बाद चीन में लगाए अधिकांश प्रतिबंध हटाए गए हैं। प्रतिबंध शिथिल होने के बाद चीन में कोरोना संक्रमण फिर से तेज़ हुआ है। पिछले हफ्ते मात्र २४ घंटों के समय में चीन में कोरोना संक्रमण के ३ करोड़ ७० लाख नए मामले दर्ज़ होने का वृत्त माध्यमों ने दिया था। इसके बाद भी चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या भारी तेज़ीसे बढ़ रही हैं और अस्पताल एवं कबरस्तान में लंबी कतारे लगने के फोटो प्रसिद्ध हो रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर विश्व के प्रमुख देशों ने चीनी हवाई यात्रियों पर कोरोना परीक्षण अनिवार्य करके अन्य प्रतिबंध लगाना भी शुरू किया हैं। अमरीका, जापान, इटली और भारत जैसे देशों ने इसपर कार्यान्वयन शुरू किया है। इटली में कुछ दिन पहले उतरे दो विमानों के ५० प्रतिशत चीनी यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिआ मेलोनी ने आक्रामक भूमिका अपनाकर चीनी यात्रियों के लिए कोरोना परीक्षण अनिवार्य किया है। मेलोनी ने यूरोपिय महासंघ को भी इसी विषय में खत लिखा है और महासंघ भी चीनी यात्रियों को लेकर शीघ्रता से सख्त निर्णय करे, यह मांग उठायी है।

तीन साल पहले कोरोना की महामारी का फैलाव जारी था तब भी चीन ने इसकी जानकारी छुपाकर सच्चे आंकड़े सार्वजनिक करने से इन्कार किया था। विश्व के देश प्रतिबंध लगा रहे थे, तब चीन के शासक इसकी आलोचना कर रहे थे। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी यात्री एवं विमानों पर लगाए पाबंदी की कड़ी आलोचना हुई ती। लेकिन, ट्रम्प ने अपनी भूमिका पर ड़टे रहने का निर्णय किया था। अमरीका का यही निर्णय बाद में यूरोपिय देशों ने भी दोहराया था।

इसी बीच, चीन में बढ़ रहे कोरोना के फैलाव की वजह से पड़ोसी देशों में ही संक्रमितों की संख्या और कोरोना का फैलाव बढ़ रहा है, यह स्पष्ट हुआ। जापान में पिछले कुछ दिनों में कोरोना की नई लहर उठी है और संक्रमित एवं मृतकों की संख्या भी भारी मात्रा में बढ़ने लगी हैं। मंगलवार को जापान में कुल २ लाख से भी अधिक कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज़ हुए।

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