सीरिया में स्थित अमरिकी अड्डे पर ‘कामिकाज़े ड्रोन्स’ के हमले

दमास्कस – सीरिया के अल-तन्फ में ड़ेरा जमाए हुए अमरिकी सेना पर कामिकाज़े अर्थात आत्मघाती ड्रोन्स के हमले हुए। इससे अमरीका से जुड़े सीरियन गुट के दो विद्रोही घायल हुए। अमरीका ने सीरिया में सैन्य तैनाती बढ़ाने का ऐलान करने के बाद वहां के सैन्य अड्डे पर यह हमला हुआ। इस ड्रोन हमले के लिए ईरान से जुडा आतंकी संगठन जिम्मेदार होने की आशंका जताई जा रही है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सैन्य वापसी का ऐलान करने के बाद सीरिया के अल-तन्फ अड्डे पर तकरीबन ९०० सैनिक तैनात किए थे। सीरिया में ‘आयएस’ विरोधी युद्ध खत्म होने का ऐलान करके आनेवाले दिनों में यहां की सेना भी वापस बुलाने का ऐलान ट्रम्प ने किया था। लेकिन, अमरीका में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सीरिया से सेना की वापसी का मुद्दा आगे बढ़ नहीं पाया था। कुछ हफ्ते पहले ही अमरीका के बायडेन प्रशासन ने सीरिया में आयएस का खतरा बढ़ने का ऐलान करके सीरिया में नई सैन्य तैनाती करने का ऐलान किया था।

इराक और जॉर्डन की सीमा के करीब अल-तन्फ सैन्य अड्डे पर यह तैनाती होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में सीरिया के इसी सैन्य अड्डे पर तीन ड्रोन हमले हुए। इनमें से दो ड्रोन्स को नष्ट किया गया, ऐसी जानकारी अमरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने प्रदान की। तीसरे ड्रोन हमले में सैन्य अड्डे पर तैनात अमरिका से जुड़े सीरियन विद्रोही गुट के दो सदस्य घायल हुए, ऐसा सेंटकॉम के प्रवक्ता जो बुशिनो ने कहा।

इन ड्रोन हमलों की वजह से अमरिकी सैनिक और सहयोगियों की सुरक्षा के लिए खतरा निर्मान हुआ है, ऐसी आलोचना भी सेंटकॉम ने की। साथ ही इस तरह के ड्रोन हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे, यह भी सेंटकॉम के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया। लेकिन, इन ड्रोन हमलों के लिए सीधे किसी पर भी आरोप लगाने से सेंटकॉम के प्रमुख दूर रहे। अल-तन्फ सैन्य अड्डे से महज कुछ ही दूरी पर ईरान से जुड़े आतंकी तैनात हैं। इसके अलावा आयएस से जुड़े स्लिपर सेल्स के आतंकी भी इसी अड्डे के करीब छुपे होने का दावा किया जा रहा है।

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