डिशवॉशर को जन्म देनेवाली जोसेफिने गॅरीस कॉकरेन

‘यदि कोई मेरे मन के अनुसार स्वच्छ बर्तन साफ करनेवाला यंत्र नहीं बना सकता, तो यह काम में स्वयं करूँगी’ यह निश्‍चय करनेवाली जोसिफिने सच में डिशवॉशर के यंत्र का यशस्वी रूप से निर्माण किया।

डिशवॉशर

यदि एक दिन कामवाली बाई ने काम पर आने को ‘ना’ कहा तो गृहिणियों की परेशानी बढ़ जाती है, और उसमें भी बर्तन घिसने पड़ेंगे इस बात की चिंता, इन सबकी तकलीफ अलग ही होती है। किसी और से बर्तन घिसवाना या नई कामवाली बाई को खोज़ना सिरदर्द का काम है। और फिर दूसरे बाई के साफ किए गए बर्तन गृहणी को पसंद भी आयेंगी या नहीं, यह नहीं कहा जा सकता। इस तरह के हज़ारों झंझट होने के कारण गृहिणी और कामवाली बाई का नाता कभी कभी नहीं टिक पाता। इसके अलावा यदि काँच के बर्तन साफ करते समय बाई ने तोड़ दिए तो……. क्या झगड़े के अलावा और भी कोई घटना हो सकती है! इसी तरह का स्वयं को आनेवाला अनुभव सह न सकने के कारण एक गृहिणी ने स्वयं बर्तन साफ करनेवाले यंत्र को बनाने का निश्‍चय किया और ‘कॉकरेन डिशवॉशर मशीन’ का आविष्कार हुआ।

इस गृहिणी का नाम है, जोसेफिने गॅरीस कॉकरेन। मुख्य रूप से औरतों को तांत्रिक क्षेत्र का ज्ञान नहीं दिया जाता था, यह सबसे बड़ा गुनाह है ऐसा जोसेफिने हमेशा कहा करती थी। ‘इस तंत्रज्ञान से वंचित रहने के कारण स्त्रियाँ अनेक बातों से अनभिज्ञ हैं। और इसी वजह से वे स्वयं की मदत स्वयं करने में असफल साबित होती हैं।’ ये जोसेफिने के उद्गार थे। बहुत ही अमीर जोसेफिने फॅन्सी डिनर पार्टी के आयोजन करने का काम खुशी से करती थी। ऐसी अनेक पार्टियों का आयोजन करते समय बर्तन धोने का एक बहुत बड़ा काम रहता था और इस काम में नौकरों के हाथ से अनेक बर्तन (डिश) टूटकर बेकार हो जाते थे। इसके कारण जोसेफिने को बहुत गुस्सा आता था।

इन परेशानियों से ऊबकर ‘यदि कोई मेरे मन के अनुसार स्वच्छ बर्तन साफ करनेवाला यंत्र नहीं बना सकता, तो यह काम मैं स्वयं करूँगी।’ ऐसा निश्‍चय करनेवाली जोसिफिने ने सच में सभी प्रकार के डिश (थाली) का नाप लिया। इसके बाद कप, प्लेट, बसी, टोप इस तरह से विविध प्रकार के बर्तनों के लिए विशेष एक-एक विभाग बनाया। ये विभाग धातु की तारों की सहायता से बनाया गया।

इसके बाद एक कॉपर बॉयलर में एक फ्लॅट व्हील लगाया गया। इसके बाद बॉयलर में साबुन की पावडर मिलाया हुआ गर्म पानी नीचे से ऊपर ले जाने के लिए मोटर का उपयोग किया गया। मोटर की सहायता से जब व्हील घूमने लगता था तो नीचे से ऊपर जानेवाला पानी वर्षा के पानी की तरह नीचे बर्तनों पर पड़ता था और बर्तन स्वच्छ धुल जाते थे, ऐसी रचना जोसेफिने ने की थी। इसके कारण जोसेफिने के मन के मुताबिक बर्तन साफ धुलने लगे और प्लेट्स के टूटने से भी मुक्ती मिल गई, जिससे जोसेफिने को खुशी मिली और उसकी परेशानियों का भी समाधान हुआ।

इसके बाद जोसेफिने के इस कारनामे की चर्चा धीरे-धीरे उसकी सहेलियों के कानों में पड़ी और ऐसे यंत्र की माँग उसकी सभी सहेलियों द्वारा, होटलों में, रेस्टॉरन्ट में से होने लगी। सन् १८८६ में जोसेफिने के इस यंत्र को पेटंट्स भी मिल गया। इसके बाद थोड़े बड़े पैमाने पर ऐसा यंत्र बनानेवाली जोसेफिने ने सन् १८९३ के ‘वर्ल्डस कोलंबियन एक्सपोझिशन’ के शिकागो में होनेवाले कार्यक्रम में सर्वप्रथम लोगों के सामने इस यंत्र का प्रयोग प्रस्तुत किया और इस स्पर्धा में उन्होंने पहला पारितोषिक प्राप्त किया।

इसके बाद घर-घर में चर्चा होनेवाले इस यंत्र के निर्मिति की जिम्मेदारी गॅरीस-कॉकरेन मॅन्युफॅक्चरिंग इस व्यावसायिक कंपनी ने स्वीकार कर ली। इसके बाद कालानुसार इस यंत्र का महत्त्व बढ़ते गया और आज अधिकांश अमरिकन घरों में डिशवॉशर यंत्र किचन का एक अविभाज्य घटक बन गया।

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