जापान की सुरक्षा को अभी भी उत्तर कोरिया से खतरा – जापान के रक्षा मंत्रालय

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टोकियो – उत्तर कोरिया से जापान की सुरक्षा के लिए होनेवाला खतरा अभी भी कायम है। इसकी वजह से जापान को अपने रक्षा के लिए मिसाइल भेदीयंत्रणा की तैनाती करना पड़ रहा है। तथा अमरिका के साथ लष्करी सहायता कायम रखना और इस में बढ़ोतरी करना आवश्यक है, ऐसा जापान के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है। जापान के रक्षा मंत्रालय की श्वेतपत्रिका में यह भूमिका प्रस्तुत की गई है। इसकी वजह से इसे पहले ही जापान में तैनात होनेवाले अमरिका के पेट्रियौट तथा एजिस इस मिसाइल भेदीयंत्रणा की तैनाती बढ़ाई जाए, ऐसी जापान की मांग हो सकती है, ऐसा लष्करी विश्लेषकों का कहना है।

जापानी रक्षा धारणा रेखांकित करनेवाली श्वेतपत्रिका मंगलवार को घोषित की है। इस श्वेतपत्रिका में जापान के रक्षा मंत्रालय ने उत्तर कोरिया के लष्करी गतिविधियों पर आलोचना की है। उत्तर कोरिया में किम जोंग-उन इनके सल्तनत से शुरू लष्करी गतिविधियों की वजह से जापान की सुरक्षा को गंभीर खतरा होने की बात इसमें कही है। उत्तर कोरिया के परमाणु शस्त्र और मिसाइलों के खतरों के बारे में जापान की भूमिका में बदलाव होने की बात जापान के रक्षा मंत्रालय ने अपने श्वेतपत्रिका में स्पष्ट की है।

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इस पृष्ठभूमि पर जापान ने मिसाइल भेदी यंत्रणा की क्षमता बढ़ाने की बात घोषित की है। उत्तर कोरिया ने अमरिका को दिया आश्वासन पाला तो अच्छा है, पर उत्तर कोरिया अपने हटवादी भूमिका पर कायम रहा तो, जापान भी मिसाइल भेदी यंत्रणा के सामर्थ्य में बढ़ोतरी करना आवश्यक होगा, ऐसा जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है। उत्तर कोरिया के परमाणु शस्त्र निर्माण के बारे में जापान ने इससे पहले भी चिंता व्यक्त की थी। तथा अपने लष्करी सामर्थ में बढ़ोतरी करने की जापान के धारणा के पीछे उत्तर कोरिया की लष्करी आक्रामकता यह कारण होने की घोषणा जापान ने की थी।

उत्तर कोरिया के साथ जापान के रक्षा मंत्रालय ने अपने श्वेतपत्रिका में चीन के लष्करी आक्रामकता तथा क्षेत्रीय वर्चस्ववाद के लिए शुरू होने वाली गतिविधियां और जापान के उत्तरी सागर क्षेत्र में द्वीप समूह पर रशिया बता रहे दावा भी, जापान की सुरक्षा के लिए चुनौती होने की बात कही है।

दौरान पिछले कई दिनों से जापान ने अपने लष्कर का तथा नागरी यंत्रणा के विशेष अभ्यास शुरू किया है। २ दिनों पहले माउंट फ़ूजी में जापान के लष्कर ने आयोजित किये युद्धाभ्यास में २४०० सैनिक, ८० टैंक्स, ६० तोंफ और २० लड़ाकू विमान एवं हेलीकॉप्टर शामिल हुए थे। जापान के लष्कर ने उस समय शत्रु के कब्जे का बेट जीतने का अभ्यास किया था। तथा ओई और ताकाहामा इन दो परमाणु प्रकल्प के सीमा में आपातकालीन व्यवस्थापन का अभ्यास किया था। परमाणु प्रकल्प में त्सुनामी, भूकंप जैसे नैसर्गिक आपत्ती के संकट के साथ, आतंकवादी हमले होते है, तो बनी परिस्थिती का सामना करने का अभ्यास भी उस समय किया गया है।

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