जापान और सऊदी अरेबिया मे छ समझौते करार पर हस्ताक्षर – उर्जा, विज्ञान-तंत्रज्ञान, वित्त क्षेत्र का समावेश

रियाध: सऊदी अरेबिया से सबसे अधिक ईंधन आयात करने वाला देश ऐसी पहचान होने वाले जापान ने सऊदी अरेबिया में अपने निवेश बढ़ाने के निर्णय लिया है। पिछले वर्ष सऊदी अरेबिया के राजा सलमान इनकी पहली बार जापान दौरा हुआ था। यह भेंट दोनो देशों में सहयोग के लिए महत्वपूर्ण होगी और सऊदी के साथ व्यापार संबंध बनाने के लिए जापान का प्रतिनिधिमंडल सऊदी के दौरे पर दाखिल हुआ है। सऊदी अरेबिया की राजधानी रियाध में ‘सऊदी अरेबिया-जापान बिजनेस फोरम’ का आयोजन किया गया था और इसमें दोनो देशों में से छह सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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जापान के वाणिज्य व्यापार एवं निवेश मंत्री हीरोशिगे सेको देश के अग्रणी उद्योगों का समावेश होने वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ सऊदी अरेबिया में दाखिल हुए हैं। रविवार को उन्होंने सऊदी अरेबिया के राजा सलमान उनके साथ सऊदी के प्रमुख मंत्रियों की तथा अधिकारियों से भेंट हुई है। सऊदी के वाणिज्य एवं निवेश मंत्री माजेद अल कसाबी ने जापान मंत्रियों के साथ संयुक्त रुप से दोनों देशों में बिजनेस फोरम का उद्घाटन किया है। उस समय सऊदी के ईंधन मंत्री खालिद अल फालीह एवं सऊदी अरेबिया के ‘जनरल इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी’ के प्रमुख इब्राहिम अल ओमर उपस्थित थे।

सऊदी अरेबिया जापान बिजनेस फोरम’ इन दोनों देशों की ३०० से अधिक उद्योजक एवं प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस समय दोनों देशों में विविध क्षेत्र में ६ परस्पर सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें ऊर्जा, वित्त, इलेक्ट्रिक कार, रसायन उद्योग, एनीमेशन इनका समावेश है। सऊदी इलेक्ट्रिक कंपनी ने जापान के ‘निसान’ और ‘टिप्को’ इन कंपनियों के साथ सऊदी अरेबिया में ‘इलेक्ट्रिक कार पायलट प्रोजेक्ट’ के बारे में करार किया है और यह सबसे महत्वपूर्ण करार होने की बात कही जा रही है।

इसके अतिरिक्त जापान के ‘एम्युएफजी’, ‘हिताची’, ‘नोमुरा इंटरनेशनल’, ‘फुजीफिल्म’ और ‘मात्सुतन केमिकल इंडस्ट्रीज’ इन कंपनियों द्वारा विविध क्षेत्रों के करारों पर हस्ताक्षर होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। रविवार को हुए कार्यक्रम में सऊदी अरेबिया ने जापान के तीन कंपनियों को उद्योग एवं निवेश की अनुमति देने की घोषणा की है। सऊदी अरेबिया एवं जापान में पिछले वर्ष लगभग २७ अब्ज डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है और फिलहाल लगभग ९६ जापानी कंपनियों सऊदी में कार्यरत हैं।

सऊदी अरेबिया के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने घोषित किए ‘विजन-२०३०’ इस महत्वाकांक्षी योजना में जापान ने उत्सुकता दिखाई है और सऊदी के सबसे बड़े इंधन कंपनी होने वाले ऐराम्को को दो अब्ज डॉलर्स की वित्तीय सहायता देने की तैयारी दिखाई है। उस समय जापान के तंत्रज्ञान क्षेत्र के अग्रणी कंपनियां होने वाले ‘सॉफ्टबैंक’ ने सऊदी में अब्जो डॉलर के निवेश करने की तैयारी दिखाई है और उसमें रोबोटिक्स एवं ई-कॉमर्स क्षेत्र का समावेश है।

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