रशियन परमाणु हथियारों की बेलारूस में तैनाती करने का निर्णय गैरज़िम्मेदाराना – अमरीका की आलोचना

वॉशिंग्टन – रशिया अपने ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ अगले महीने बेलारूस में तैनात कर रही हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को से हुई मुलाकात के दौरान यह जानकारी साझा की। इसकी गूंज अमरीका में सुनाई पड़ी है। रशिया का यह निर्णय गैरजिम्मेदाराना और बड़ी लापरवाही का है और अमरीका को इसका संज्ञान लेना ही होगा, ऐसी चेतावनी व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने दी है। साथ ही रशियन परमाणु हथियारों की गतिविधियों पर अमरीका की नज़र बनी होने का दावा भी किरबाय ने किया।

रशिया के प्रभावी क्षेत्र में मौजूद देशों को नाटो में शामिल करने की गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं। फिनलैण्ड को नाटो में शामिल किया गया है और जल्द ही स्वीडन भी नाटो का हिस्सा होगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस वजह से इन देशों में नाटो के सैनिक, उन्नत हवाई सुरक्षा यंत्रणा, मिसाइल और परमाणु अस्त्रों की भी तैनाती हो सकती है। नाटो की यह तैनाती हमें लक्ष्य करने के लिए ही हैं, ऐसा आरोप रशिया लगा रही है। साथ ही इस तैनाती को रशिया का उसी भाषा में प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी थी। इसके अनुसार रशिया ने बेलारूस में परमाणु अस्त्र तैनात करने का ऐलान किया था।

इसपर अमरीका और नाटो की तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई थी। लेकिन, अमरीका और नाटो ने इस क्षेत्र में की हुई तैनाती के कारण बढ़े खतरे के मद्देनज़र रशिया और बेलारूस यह निर्णय करने के लिए मज़बूर हुए, ऐसे दावे दोनों देश कर रहे हैं। बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने तो रशियन परमाणु अस्त्र तैनात करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई हैं, ऐसा कहा था। लेकिन, रशिया के राष्ट्रध्यक्ष ने यह कहा है कि, बेलारूस में इन परमाणु अस्त्रों की तैनाती जुलाई महीने में होगी।

यह परमाणु अस्त्र पुरी तरह से रशिया के कब्ज़े में ही रहेंगे। उसपर रशिया का ही अधिकार रहेगा, यह रशिया ने पहले ही स्पष्ट किया था। लेकिन, रशिया की यह तैनाती लापरवाह और गैरज़िम्मेदाराना है, ऐसी आलोचना व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने की। इसके अलावा अमरीका को रशियन परमाणु अस्त्रों की बेलारूस में हो रही तैनाती का गंभीरता से संज्ञान लेना ही होगा, ऐसा दावा किरबाय ने किया। इसके बावजूद रशिया फिलहाल इन परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल करने की संभावना नहीं हैं, इस वजह से परमाणु युद्ध का खतरा ना होने का दावा किरबाय ने किया है।

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