येमन के विद्रोहियों के लिए हथियार लेकर निकला ईरान का जहाज़ ब्रिटेन ने किया था जब्त

दुबई – मौजूदा साल के आरंभ में येमन के हौथी विद्रोहियों के लिए प्रगत हथियार लेकर जा रहा ईरान का जहाज़ ब्रिटेन की नौसेना ने जब्त किया था। ओमान की खाड़ी में ब्रिटीश नौसेना ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया, ऐसी जानकारी यूएई में स्थित ब्रिटेन के दूतावास ने साझा की। इस वजह से सौदी अरब और यूएई पर हमले कर रहे हौथी विद्रोहियों को ईरान ही हथियारों से तैयार कर रहा है, इन आरोपों की पुष्टि हो रही है। ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए अमरीका और पश्चिमी देशों की बातचीत नाकाम होने के बाद ब्रिटेन ने सार्वजनिक की हुई यह जानकारी ध्यान आकर्षित कर रही है।

सौदी ने साल २०१५ में येमन के सत्ता संघर्ष में उतरकर येमन के हौथी विद्रोहियों पर हमले किए थे। हौथी विद्रोहियों ने इस पर प्रत्युत्तर दिया और यह युद्ध सात वर्षों से अधिक समय तक चला था। येमन के विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त हो रहा है और ईरान ही उन्हें पैसे एवं हथियारों की आपूर्ति करता है, ऐसे आरोप लगाए जाते हैं। ईरान ने इन आरोपों से लगातार इन्कार किया था। अमरीका और यूरोपिय देशों ने भी सौदी द्वारा ईरान पर लगाए जा रहे इन आरोपों को ज्यादा गंभीरता से नहीं देखा था। ज्यो बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने येमन के विद्रोहियों का नाम आतंकियों की सूचि से हटाया था। लेकिन, अब स्थिति बदल चुकी है।

इस साल के शुरू में ओमान की खाड़ी में ब्रिटेन की रॉयल नेवी ने ईरान के जहाज़ को जब्त किया। इस पर येमन के विद्रोहियों के लिए ईरान ने भेजे प्रगत हथियारों का भंड़ार था, यह जानकारी यूएई स्थित ब्रिटेन के दूतावास ने सार्वजानिक की। इस वजह से ईरान पर सौदी और यूएई एवं अन्य खाड़ी देशों ने लगाए आरोपों की पुष्टि हुई है। कतार की राजधानी दोहा में ईरान की अमरीका और यूरोपिय देशों के साथ परमाणु समझौते पर बातचीत हुई थी। ईरान ने अड़ियल भूमिका अपनाने से यह चर्चा नाकाम हुई, यह आरोप हो रहा है। इससे कुछ महीने पहले ईरान के जहाज़ पर अपनी नौसेना ने की हुई कार्रवाई की जानकारी ब्रिटेन ने सार्वजनिक की, यह संयोग नहीं है। इसके ज़रिये ब्रिटेन अब ईरान को चेतावनी दे रहा है।

अगले समय में ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने की बात नहीं मानी तो ईरान के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है, ऐसा संदेश ब्रिटेन ने दिया है। लेकिन, ईरान ने परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर अपनाई गई आक्रामक भूमिका के मद्देनज़र ईरान की नीति पर इसका ज्यादा असर होने की संभावना नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.