अमरीका से अधिक ब्रिटेन ही ईरान विरोधी गुट का नेतृत्व करे – अमरीका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन

britain-against-iran-us-1वॉशिंग्टन/लंदन – ‘परमाणु कार्यक्रम और अपने लष्करी सामर्थ्य के बल पर खाड़ी क्षेत्र में आतंक का माहौल निर्माण कर रही ईरान की खामेनी हुकूमत को ब्रिटेन, अमरीका, सौदी अरब और इस्रायल गुट बनाकर जोरदार जवाब दें। ईरान विरोधी इस गुट का नेतृत्व ज्यो बायडेन नहीं बल्कि बोरिस जॉन्सन करें’, यह सुझाव अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दिया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के नेतृत्व और विदेश नीति पर अमरीका में नाराज़गी बढ़ रही है, यही बात बोल्टन के इस बयान से स्पष्ट हो रही है।

बीते महीने इस्रायली जहाज़ ‘मर्सर स्ट्रीट’ पर ड्रोन हमले हुए थे। ओमान के समुद्री क्षेत्र के करीब हुए इन हमलों में जहाज़ के दो कर्मचारी मारे गए थे। इनमें से एक ब्रिटेन का नागरिक था। इस हमले के लिए ब्रिटेन और इस्रायल ने ईरान को ज़िम्मेदार ठहराया था। इस घटना के बाद इस्रायल और ब्रिटेन से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और ब्रिटेन ने पूर्व येमन में अपने स्पेशल फोर्सेस के सैनिक उतारे हैं। ब्रिटीश नागरिक की मौत का कारण बना देश या संबंधित संगठन पर कार्रवाई करने के लिए ब्रिटेन ने यह तैनाती की है, ऐसा माध्यमों ने कहा था।

अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और संयुक्त राष्ट्रसंघ के पूर्व राजदूत जॉन बोल्टन ने ब्रिटेन की अखबार के लेख में ईरान विरोधी कार्रवाई का नेतृत्व करने के लिए यह आवाहन किया। ईरान में हुए चुनाव के बाद जहाल विचारधारा के सर्वोच्च नेता का साथ देने के लिए राष्ट्राध्यक्ष का चयन हुआ है, यह बात बोल्टन ने वर्णित लेख में स्पष्ट की। ईरान के इस जहाल नेतृत्व के सामने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन का नेतृत्व टिक नहीं पाएगा, यह दावा अमरीका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार ने किया है।

britain-against-iran-us-2ईरान के खिलाफ यूरोपिय मित्रदेश, खाड़ी क्षेत्र के सौदी अरब, यूएई और इस्रायल का अंतरराष्ट्रीय गुट स्थापित करने के लिए मज़बूत नेतृत्व की आवश्‍यकता है, यह बयान बोल्टन ने किया। ‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने इससे पहले अपना मज़बूत नेतृत्व दिखा दिया हैं। इस वजह से अमरीका, यूरोपिय देश, इस्रायल, सौदी अरब और यूएई के ईरान विरोधी अंतरराष्ट्रीय गुट का नेतृत्व जॉन्सन करें। ब्रिटेन के नेतृत्व में देशों का यह गुट अधिक प्रभावी और ईरान की हुकूमत को झटके देनेवाला साबित होगा’, यह दावा बोल्टन ने किया।

ईरान का नेतृत्व अधिकाधिक आक्रामक हो रहा है और ऐसे में पश्‍चिमी देश सिर्फ दर्शक बने बैठे हैं। इसके विरोध में जॉन्सन अहम भूमिका स्वीकार सकते हैं क्योंकि, परमाणु समझौते में शामिल अन्य यूरोपिय देशों के नेताओं की तुलना में जॉन्सन के सामने राजनीतिक चुनौतियाँ कम हैं’, यह बात बोल्टन ने वर्णित ब्रिटीश अखबार के लेख में दर्ज़ की है। अगले कुछ महीनों में जर्मनी की चान्सलर एंजेला मर्केल का राजनीतिक कार्यकाल खत्म हो रहा है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के सामने अगले वर्ष चुनावों की बड़ी चुनौती होगी, इसकी याद बोल्टन ने ताज़ा की है।

अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के नेतृत्व पर अविश्‍वास बढ़ रहा है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, विदेशमंत्री, रक्षामंत्री एवं उनके सलाहकार और पत्रकार एवं विश्‍लेषक बायडेन के कमज़ोर नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं और उन पर अविश्‍वास जता रहे है। ऐसी स्थिति में बोल्टन ने भी बायडेन के नेतृत्व पर जताया अविश्‍वास काफी कुछ बयान कर रहा है।

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