सीरिया के हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट में रिव्होल्युशनरी गार्डस् के ३१ सैनिक ढेर – ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन/बैरूत – सीरिया के ‘शयरत’ इस अत्यंत अहम हवाई अड्डे पर हुए धमाके में ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ के लगभग ३१ जवान मारे गए हैं| तकनीकी कारणों की वजह से यह विस्फोट होने का दावा सीरिया के मुखपत्र ने किया हैं| परंतु इस विस्फोट के पीछे अलग ही कारण होने की संभावना ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार संगठन व्यक्त कर रही हैं| इससे पहले ‘शयरत’ हवाई अड्डे पर सीरिया ने रासायनिक मिसाइलों का भंडार तो ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ ने बैलेस्टिक मिसाइलों का भंडार करने की जानकारी का खुलासा हुआ था|

सीरिया के होम्स प्रांत का ‘शयरत’ हवाई अड्डा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैं| होम्स तथा हमा और इदलिब प्रांत के सीरियन लष्कर की हवाई कार्रवाई के लिए ‘शयरत’ पर रखे लड़ाकू विमानों का उपयोग किया जाता हैं| शनिवार को इस हवाई अड्डे पर बहुत बड़ा विस्फोट होने का स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था| लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन ने भी ‘शयरत’ पर हुए विस्फोट में भारी मात्रा में जीवित हानि होने की जानकारी प्रसिद्ध की थीं|

पहले इस विस्फोट के बारे में मौन रहने वाले सीरियन शासन ने अपने मुखपत्र से इस विषय पर जानकारी प्रसिद्ध की हैं| एक्स्पायर्ड हुए विस्फोटक वाहन से ले जाते हुए हुई गलती के कारण यह विस्फोट होने का खुलासा सीरिया के मुखपत्र ने किया हैं| साथ ही धमाके में ३१ जवानों की जान जाने का मुखपत्र ने बताया हैं|

परंतु इस धमाके के पीछे अलग कारण होने का संदेह मानवाधिकार संगठन ने अपने सूत्रों के हवाले पर से व्यक्त किया हैं| उसी के साथ इस धमाके में सीरिया के अस्साद शासन को समर्थन करने वाले ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ के जवान मारे जाने का दावा इस मानवाधिकार संगठन ने किया हैं| पिछले कुछ महीनों से यह हवाई अड्डा ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ के अधिकार के नियंत्रण में था| इस अड्डे पर ईरान के जवानों ने भारी मात्रा में हथियार भंडार किया था, यह आरोप भी पहले किया गया था|

पिछले वर्ष इस्रायल ने ‘शयरत’ हवाई अड्डे पर ईरान के हथियारों के भंडार पर हमलें किए थे| उससे पहले वर्ष २०१७ में अमरिका ने इसी हवाई अड्डे पर सीरियन लष्कर के लड़ाकू विमानों को लक्ष्य किया था| सीरिया के ‘खान शेखोन’ शहर में हुए सरिन गैस के हमले के लिए सीरियन लष्कर ने इसी अड्डे पर रखें विमानों का उपयोग किया था| इस कारण सीरियन लष्कर को चेतावनी देने के लिए अमरिका ने ‘शयरत’ पर हमलें किए थे|

इस दौरान, पिछले कुछ सप्ताहों से सीरिया के अलग-अलग शहरों के लष्करी और हवाई अड्डों पर हमलें बढ़ रहे हैं जिसके लिए सीरियन लष्कर ने इस्रायल को जिम्मेदार कहा हैं| लेकिन इस्रायल ने सीरिया के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी हैं|

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