इस्रायली रक्षा कंपनी पर ईरान के हॅकर्स का हमला – महीने में दूसरा बड़ा सायबर हमला

तेल अविव – परमाणु वैज्ञानिक फखरीझादेह की हत्या का बदला लेने की धमकी देनेवाले ईरान ने इस्रायल पर सायबर हमलें शुरू किये हैं। ईरान के साथ जुड़े ‘पे २ की’ हॅकर्स के गुट ने रविवार को इस्रायल की रक्षा कंपनी की जानकारी हॅक करके वह डार्क वेब पर प्रकाशित की। ईरान से जुड़े हॅकर्स के गुट ने ही इस हमले की जानकारी सार्वजनिक की। पिछले दो हफ़्तों में इस्रायली कंपनियों पर हुआ यह दूसरा बड़ा सायबर हमला है। इसी बीच, ईरानी हॅकर्स ने हमला की हुई इस्रायल की रक्षा कंपनी से भारत, अमरीका, युरोपिय महासंघ जुड़े हुए होने के कारण इस घटना की गंभीरता बढ़ी है।

israel-iran-hackersइस्रायल की ‘इस्रायल एअरोस्पेस इंडस्ट्रिज्’ (आयएआय) से जुड़ी ‘एल्टा सिस्टिम्स’ इस कंपनी का सर्व्हर ईरान के ‘पे २ की’ गुट ने हॅक किया। रविवार रात को ईरानी हॅकर्स ने इस सायबर हमले की जानकारी सार्वजनिक की। इस सायबर हमले में इस्रायली कंपनी के सिनिअर प्रोजेक्ट डेव्हलपर समेत कर्मचारियों की जानकारी डार्क वेब पर प्रकाशित की। इसमें कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के पासवर्ड का भी समावेश था। इस्रायल के इन्फॉर्मेशन सायन्टिस्ट कॅरीन नॅहोन ने दी जानकारी के अनुसार, ईरानी हॅकर्स ने सैंकड़ों की तादाद में संवेदनशील जानकारी डार्क वेब पर पोस्ट की।

israel-iran-hackersइस्रायल की ‘आयएआय’ यह रक्षा क्षेत्र में दुनिया की अग्रसर कंपनियों में से एक है। यात्री तथा लष्करी विमान, ड्रोन्स, राडार, बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र तथा वैमानिकी एवं अंतरिक्षा तंत्रज्ञान का निर्माण ‘आयएआय’ द्वारा किया जाता है। इसमें बराक क्षेपणास्त्र, हेरॉन ड्रोन्स और एल्टा राडार इस अग्रसर रक्षासामग्री का समावेश है। भारत, अमरीका तथा युरोपीय महासंघ के रक्षाबल गत कुछ सालों से इस्रायल के ‘आयएआय’ एवं एल्टा सिस्टिम से जोड़े गये हैं। इस कारण, ईरान के हॅकर्स ने इस्रायल की रक्षानिर्माण कंपनी पर किये सायबर हमले की अहमियत बढ़ी है।

इस्रायल के रक्षाक्षेत्र से संबंधित ‘एल्टा सिस्टिम’ पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इससे पहले ईरान के हॅकर्स ने इस्रायल की ४० से भी अधिक लॉजिस्टिक्स कंपनियों को लक्ष्य किया था। तेल अविव शेअर बाज़ार से संबंधित ‘ऍमिटल डाटा’ इस कंपनी का सर्व्हर भी हॅक किया था। इन सायबर हमलों के सीधे संबंध ईरान के साथ जुड़े हैं। इस साल में इस्रायल सरकार एवं लष्कर से संबंधित वेबसाईट्स अथवा सर्व्हर्स पर कुल पाँच बड़े सायबर हमलें हुए हैं। इनमें साल की शुरुआत में इस्रायल के जलविभाग पर हुआ सायबर हमला बड़ा था।

israel-iran-hackersइसके बाद मई महीने में इस्रायल ने भी ईरान के ‘बंदर अब्बास’ इस बंदरगाह पर सायबर हमला हुआ होने का आरोप ईरान ने किया था। यहाँ की ईंधनविषयक कंपनी की वेबसाईट हॅक की होने का आरोप ईरान ने रखा था। पिछले कुछ सालों से इस्रायल और ईरान के बीच सायबर संघर्ष जारी है। इससे पहले ईरान के न्युक्लिअर प्लांट पर इस्रायल ने ‘स्टक्सनेट’ का सायबर हमला कराने का होहल्ला ईरान ने मचाया था। इस सायबर हमले से ईरान के न्युक्लिअर प्लांट में हजारो सेंट्रिफ्युजेस नाक़ाम हुए थे और ईरान का परमाणु कार्यक्रम पिछड़ गया था। उसके बाद भी, सायबर हमला होने के आरोप ईरान द्वारा इस्रायल पर किये गए हैं।

इसी बीच, पिछले सालभर में इस्रायल तथा ईरान के बीच सायबर युद्ध अधिक से अधिक तीव्र होने लगा है। परमाणु वैज्ञानिक फखरीझादेह की हत्या के बाद आगबबूला हुआ ईरान लष्करी कार्रवाई के बदले सायबर हमले के मार्ग से इस्रायल को लक्ष्य करेगा, ऐसा दावा किया जाता है। ईरान के इन सायबर हमलों पर इस्रायल से भी प्रतिक्रिया आ सकती है।

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