ईरान की कट्टर राजवट ने परमाणु अनुबंध का उल्लंघन किया है- अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की कड़ी टीका

वॉशिंगटन/तेहरान: डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान की राजवट कट्टर होने का दाग लगाकर, ईरान द्वारा परमाणु अनुबंध का उल्लंघन करने का इल्जाम लगाया है। ईरान पर इतने गंभीर आरोप करने के बाद ट्रम्प ने इस परमाणु अनुबंध के भवितव्य के बारे में अमरिकी कांग्रेस ही फैसला करे, ऐसा स्पष्ट किया है। रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर्स ने ट्रम्प की भूमिका का स्वागत किया है, फिर भी विरोधी पक्ष डेमोक्रेट पार्टी ने इसे कड़ा विरोध किया है। उसी दौरान इस पर ईरान से कठोर प्रतिक्रिया आई है।

सन २०१५ में ईरान ने अमरिका, ब्रिटन, रशिया, फ़्रांस, चीन और जर्मनी इन देशों के साथ ‘जॉइंट कॉम्प्रिहेन्सीव प्लान ऑफ़ एक्शन’ (जेसीपीओए) नाम का अनुबंध किया था। इस अनुबंध के अनुसार ईरान अपने ऊपर लादे गए प्रतिबंधों को पीछे लेने के बदले में अपना परमाणु कार्यक्रम करीब १५ साल के लिए रोकेगा। बराक ओबामा के कार्यकाल में यह अनुबंध किया गया था। इस परमाणु अनुबंध पर सऊदी अरेबिया और इस्राइल इन देशों ने कड़ी टीका की थी। अमरिका में भी यह अनुबंध घातक है और ईरान पर भरोसा नही किया जा सकता, ऐसा इशारा दिया गया था। अमरिका में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस परमाणु अनुबंध पर आपत्ति जताई थी।

इस पृष्ठभूमि पर, ईरान की राजवट कट्टर होने की टीका करके ईरान द्वारा परमाणु अनुबंध का उल्लंघन करने का आरोप ट्रम्प ने किया है। साथ ही किसी भी हालत में ईरान को परमाणु सज्ज नहीं होने दूंगा, ऐसा इरादा भी ट्रम्प ने व्यक्त किया है। कोई भी खतरा सीमित होता है, तभी कार्रवाई करना उचित होता है। एक बार खतरा बढ़ गया तो उसपर काबू पाना मुश्किल होता है, यह सबक हमें इतिहास से लेना पड़ेगा, ऐसा कहकर ईरान पर सही समय पर नियंत्रण रखना अत्यावश्यक बन गया है, ऐसा कहा है।

इसके पहले ईरान के साथ किया हुआ परमाणु अनुबंध तोड़ने की घोषणा करने वाले ट्रम्प ने इस बार इस अनुबंध के मामले में अमरिकी संसद फैसला करे, ऐसा विधान किया है। इसलिए इस अनुबंध का भवितव्य अमरिकन कांग्रेस तय करेगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने इस भूमिका का स्वागत किया है और ईरान के साथ किया हुआ अनुबंध तोड़ने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। उसी समय डेमोक्रेट पार्टी के सदस्यों ने ट्रम्प को विरोध किया है। ईरान से भी ट्रम्प की भूमिका पर कठोर प्रतिक्रिया आई है। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने ट्रम्प के विधान ईरान का अपमान करने वाले हैं, ऐसा कहा है। साथ ही ट्रम्प के आरोप भ्रामक होने का दावा भी रोहानी ने किया है। साथ ही ईरान के मुद्दे पर अमरिका अकेली पड़ गई है, ऐसा ट्रम्प के विधानों से स्पष्ट होता है, ऐसा रोहानी ने कहा है।

ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरीप ने ट्रम्प की दोस्ती बिकावू है कहकर, जो ज्यादा बोली लगाएगा, उसके ट्रम्प दोस्त बनेंगे, ऐसी टीका की है। सऊदी अरेबिया ने, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान के बारे में अपनाई निश्चित भूमिका का स्वागत किया है। उधर ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी इन यूरोपीय देशों ने ईरान के साथ किये हुए ‘जेसीपीओए’ अनुबंध के साथ हम बंधे हुए हैं, ऐसा घोषित किया है। रशिया और चीन ने भी ईरान के साथ किये परमाणु अनुबंध से अमरिका पीछे हटी उसके विघातक परिणाम होंगे, ऐसा इशारा दिया है। इसलिए ईरान के साथ किये परमाणु अनुबंध को लेकर अमरिका के अंतर्गत मतभेद के साथ अमरिका के अपने मित्र देशों के साथ और प्रतिस्पर्धी देशों के साथ भी मतभेद तीव्र हुए हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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