बढती मांग की वजह से ‘बिटकॉइन’ के मूल्य में बढ़ोत्तरी गोल्डमॅन सॅच, नाईके, मित्सुबिशी जैसी कंपनियों को पीछे छोडा

वॉशिंगटन: ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक पर आधारित ‘बिटकॉइन’ इस डिजिटल मुद्रा की अंतराष्ट्रीय स्तर पर मांग नियमित रूपसे बढ़ रही है। शुक्रवार को ‘बिटकॉइन’ का मूल्य रिकार्ड ५,८५६.१० डॉलर्स तक पहुंचा था। पिछले सालभर में ‘बिटकॉइन’ के मूल्य में लगभग ४८० प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है और आने वाले समय में इसका मूल्य १० हजार डॉलर्स तक पहुँचने की भविष्यवाणी की जा रही है। शुक्रवार को ‘बिटकॉइन’ के मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी की वजह से अंतराष्ट्रीय बाजार में उसका मूल्य ९६ अरब डॉलर्स पर पहुंचा है और उसने गोल्डमॅन सॅच, नाईके, मित्सुबिशी जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ने का दावा किया जा रहा है।

पिछले कुछ महीनो में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में ‘बिटकॉइन’ और उसके जैसे ‘क्रिप्टो करंसीज’ के बारे में जोरदार चर्चा शुरू है। अमरिका के साथ यूरोपीय देश, रशिया और जापान ने ‘क्रिप्टो करंसी’ शुरू करने के मामले में गतिविधयां शुरू की हैं। पिछले महीने में, दुनिया भर के छः बलाढ्य बैंकों ने मिलकर, ‘यूबीएस’ इस वित्तसंस्था ने पहल करके शुरू किये ‘यूटिलिटी सेटलमेंट कॉइन’ परियोजना में शामिल होने का निर्णय लिया था। उसी समय चीन, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों ने इसके व्यवहार पर पाबन्दी लगाई है। इस वजह से ‘बिटकॉइन’ के साथ अन्य ‘क्रिप्टो करंसी’ के मूल्यों में बार बार उतार चढाव शुरू है।

चीन ने पिछले महीने में ‘बिटकॉइन’ के साथ अन्य डिजिटल मुद्रा व्यवहार पर बंदी लगाने वाले आदेश जारी किये थे। इस वजह से ‘बिटकॉइन’ के मूल्यों में बड़े पैमाने पर गिरावट हुई थी। लेकिन चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट दल की बैठक शुरू है, ऐसे में ‘बिटकॉइन’ पर लगाई पाबन्दी उठाने पर चर्चा शुरू हुई है। ‘बिटकॉइन’ के लिए चीन बहुत बड़ा बाजार है इसलिए चीन में लगाई पाबन्दी उठाना, यह ‘बिटकॉइन’ के लिए सकारात्मक बात साबित होने वाली है। इसी वजह से अंतराष्ट्रीय बाजार में ‘बिटकॉइन’ का मूल्य रिकार्ड मूल्य तक पहुंचा है।

‘बिटकॉइन’ का ५,८५६.१० डॉलर्स का मूल्य अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसके मूल्य में बहुत बड़ी बढ़ोत्तरी करने वाला है। ‘बिटकॉइन’ की शेयर बाजार अथवा अन्य प्रकारों में अधिकृत रूप से पंजीकरण नही हुआ है, फिर भी प्रसार माध्यमों ने किये दावे के अनुसार उसका कुल मूल्य करीब ९६.७ अरब डॉलर्स पर पहुंचा है। यह मूल्य ‘बिटकॉइन’ को दुनिया की प्रमुख गोल्डमॅन सॅच, नाईके, मित्सुबिशी, बायर और यूपीएस इन कंपनियों पर भारी पड़ने के लिए कारण साबित हुआ है।

‘बिटकॉइन’ के इस बढ़ते मूल्य की पृष्ठभूमि पर ‘गॅलेक्सी इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स’ के अर्थशास्त्री माइक नोवोग्राट्झ ने जल्द ही इस डिजिटल करेंसी का मूल्य १० हजार डॉलर्स के आगे जाएगा, ऐसी भविष्यवाणी की है। लेकिन उसी समय अर्थव्यवस्था की आभासी बुलबुलों की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया है। ‘वर्तमान में बिटकॉइन सबसे बड़ा बुलबुला साबित हो सकता है’, ऐसा इशारा भी नोवोग्राट्झ ने दिया है।

सिक्के और नोटों के स्वरुप की मुद्रा, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यमसे किये जाने वाले व्यवहारों को पीछे छोड़ने वाली ‘डिजिटल’ मुद्रा के तौर पर बिटकॉइन २००९ में अस्तित्व में आया था। बिटकॉइन के आने के बाद रिपेल, लिटेकॉइन, इथिरियम, यह डिजिटल अथवा क्रिप्टो करंसी दुनिया के सामने आई थी। इस ‘डिजिटल’ मुद्रा को किसी भी देश का और अर्थव्यवस्था का समर्थन नहीं है, फिर भी इसके व्यवहार में नियमित बढ़ोत्तरी हो रही है।

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