अमरिका के युद्धपोत डुबोएंगे – ईरान ने धमकाया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान – ‘युद्ध शुरू हुआ तो उसमें सब कुछ जलकर राख होगा| इसमें सीर्फ ईरान का समावेश नही रहेगा’, ऐसा ईरान के सांसद ‘अलादिन बोरोजैर्दी’ इन्होंने अमरिका को धमकाया है| अमरिका ने अपनी ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ यह विमान वाहक युद्धपोत खाडी क्षेत्र की दिशा में रवाना की है| इस युद्धपोत की तैनाती यानी ईरान के लिए चेतावनी होने की बात अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन इन्होंने कही थी| लेकिन, इस युद्धपोत को डुबोने की क्षमता ईरान रखता है, ऐसा बोरोजैर्दी इन्होंने धमकाया है|

वर्ष १९८० से ८८ के दौरान हुए ईरान-इराक युद्ध में ईरान की ही जीत हुई थी| पश्‍चिमी देशों ने इराक को हर तरह की सहायता की थी| इसके बावजूद ईरान ने यह जीत हासिल की थी| वर्तमान में ईरान के पास उस समय से कई गुना अधिक सामर्थ्य है| अमरिकी युद्धपोत ईरान की दिशा में आगे आती है तो, उन्हें ईरान के ‘प्रिसिजन गाईडेड मिसाइल्स’ का सामना करना होगा| अमरिका के इन युद्धपोतों को ईरान डुबो सकता है’, ऐसा बोरोजैर्दी ने कहा है|

‘ईरान के साथ युद्ध यानी आग के साथ खेलना साबित होगा| यदि यह युद्ध शुरू होता है तो इस युद्ध में सब कुछ जलकर राख हो जाएगा| इसमें सीर्फ ईरान का नुकसान नही होगा’, ऐसी कडी चेतावनी बोरोजैर्दी इन्होंने अमरिका को दी है| इसके पहले भी ईरान ने अमरिका के युद्धपोत डुबोने की धमकी दी थी| साथ ही खाडी क्षेत्र में अमरिका ने बनाए अड्डे हमारे निषाने पर होने की चेतावनी भी ईरान ने दी थी|

ईरान से ऐसी धमकियां प्राप्त होते समय अमरिका ने भी इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया है| ईरान ने अमरिका के हितसंबंधों को पर हमला करने की चेतावनी देने के बाद इस क्षेत्र में ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ की तैनाती करने का निर्णय किया गया था| लेकिन, यह युद्धपोत अपने विध्वंसकों के बेडे के साथ ईरान की दिशा में आगे बढ रही है और ऐसी स्थिति में ईरान की आक्रामकता में भी अधिक बढोतरी होती दिख रही है|

इस वजह से खाडी और पर्शियन खाडी में युद्ध शुरू होने का डर बना है और वहां का माहौल विस्फोटक बना है| अमरिका ने ईरान पर प्रतिबंध जारी किए है और इसका ईरान की ईंधन निर्यात पर असर होगा| इसके पहले ही ईरान की अर्थव्यवस्था भयंकर संकट का सामना कर रही है| इसमें इन नए प्रतिबंधों की बढोतरी होन से ईरान की अर्थव्यवस्था इसके भार के नीचे और भी दब जाएगी|

ऐसी स्थिति में ईरान पर दबाव बढाने के लिए अमरिका नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान करने की तैयारी में है| इस वजह से ईरान की आक्रामकता और भी बढ सकती है और ईरान इसे अनपेक्षित जवाब दे सकता है| इसका सामना करने के लिए ‘यूएसएस लिंकन’ की तैनाती की जा रही है, यह जानकारी एक अमरिकी अधिकारी ने दी थी|

ईरान पर सभी ओर से दबाव बढाकर इस देश को बातचीत करने के लिए विवश करने की अमरिका का प्लैन है| जैसे ही ईरान बातचीत के लिए तैयार होता है तो फिर ईरान के एटमी कार्यक्रम पर रोक लगाना अमरिका के लिए आसानी होगी| लेकिन, एटमी कार्यक्रम के लिए ईरान कोई भी किमत चुकाने के लिए तैयार है, यही बात ईरान की हुकूमत डटकर कह रही है| लेकिन, महंगाई से झुलस रही ईरान की जनता यह किमत चुकाने की स्थिति में नही है, यही बात ईरान में शुरू प्रदर्शनों से स्पष्ट हो रही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.