ईरान में खामेनी की हुकूमत जल्द ही गिरेगी – अमरीकन राष्ट्राध्यक्ष के वकील का दावा

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वॉशिंग्टन – ईरान के हुकूमत के दिन भर चुके हैं, जल्द ही यह हुकूमत गिरेगी, ऐसा दावा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के वकील रुडी ज्युलियानी ने किया है| ईरान में हांल ही में चल रहे निदर्शनों का उदाहरण देते हुए अगले वर्ष तक ईरान में सत्ता बदलाव होकर लोकतान्त्रिक सरकार निर्वाचित होगी, ऐसा भरोसा ज्युलियानी ने जताया है| वहीं ईरान की हुकूमत पर दबाव बढ़ाकर उन्हे बातचीत करने के लिये मजबूर करे, इस पर ट्रम्प प्रशासन में मतभेद पैदा होने का दावा इस्रायल के समाचारपत्रों ने किया है|

अमेरीका में ‘नैशनल कौन्सिल ऑफ रेजिस्टन्स ऑफ ईरान’ की (एनसीआरआय) बैठक संपन्न हुई| इस समय करीब चार हजार समुदाय की उपस्थिती में ट्रम्प इनके वकील ज्युलियानी ने ईरान में आयातुल्लाह की हुकूमत गिरकर उनकी जगह मरीयम रजावी की लोकतान्त्रिक सरकार आयेगी, ऐसा दावा किया| ज्युलियानी ने विश्‍वास जताया कि सालभर में ऐसा हो सकता है| मरीयम रजावी की पहचान ‘एनसीआरआय’ के हांल ही के प्रमुख है| एनसीआरआय द्वारा लगातार ईरान की हुकूमत हटाने के लिये कोशिश हो रही है| ऐसे हालात में अमरीका ‘एनसीआरआय’ को ईरान का बतौर भविष्य की शासक पार्टी के रूप में देख रही है ऐसे संकेत ज्युलियानी के विधानों द्वारा मिल रहे है|

ज्युलियानी का कहना है कि, हांल ही में ईरान की हुकूमत खतरे में आयी है| अमेरीका ने ज्यादा दबावा डाला तो जल्द ही यह हुकूमत गिरेगी| ‘अमरीका ने ईरान पर डाले प्रतिबंधों के बाद दुनियाभर के प्रमुख राष्ट्र ईरान के साथ व्यापार करने से इतरा रहे है| इसका असर ईरान की अर्थव्यवस्था पर होने लगा है| इस वजह से ईरान की हुकूमत दबाव में आ गयी है| लेकिन अगले साल तक अमरीका के प्रतिबंध और सख्त होेगें और इस दबाव में आकर ईरान की हुकूमत गिरेगी,’ ऐसा ज्युलियानी ने एसीआरआय की बैठक में कहा है|

दौरान अमरीका ईरान की हुकूमत को निशाना बनाते हुए ईरान की जनता को समर्थन हमारा समर्थन है ऐसा लगातार कहती आ रही है| ईरान में फिलहाल चल रहे निदर्शनों को समर्थन देते हुए अमरीका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने फिर एक बार यह बात रेखांकित की है| ऐसा होते हुए भी ट्रम्प प्रशासन में ईरान विषयक की नीति में मतभेद होने का दावा इस्रायल के समाचार पत्रों ने किया| ईरान की हुकूमत गिराने के बगैर कोई चारा नहीं, ऐसा अमरीका के राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को लग रहा है| इसके लिये ईरान पर दबाव बढ़ाने की मांग बोल्टन द्वारा की जा रही है| वहीं ईरान पर दबाव बढ़ाना जरुरी हुआ तो भी इसके पिछे का कारण ईरान की हुकूमत को बातचीत करने के लिये मजबूर करना, यही होगा, ऐसा रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस का कहना है|

एक सीमा से बाहर ईरान पर दबाव बढ़ा दिया और इस देश की हुकूमत गिरने की स्थिती में आ गयी तो इसेस खाड़ी में अमरीका के सहयोगी देशों को बड़ा खतरा निर्माण हो सकता है| इस वजह से युद्ध शुरू हो जायेगा और पूरी दुनिया पर इसके भीषण नतीजे होंगे, ऐसा रक्षा मंत्री मैटिस इन्हे लग रहा है| अमरीका के विदेश मंत्री पॉम्पिओ इनकी राय भी मैटिस जैसी है, ऐसा दावा इस्रायल के समाचारपत्रों ने किया है| इस लिए विदेश मंत्री पॉम्पिओ इन्होने ईरान के पास परमाणू कार्यक्रम रोकने के साथ, येमेन में हौथी विद्रोही, हिजबुल्लाह और हमास का समर्थन रोकने की मांग की है ऐसा दावा इन समाचारपत्रों ने किया है|

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