ईरान में शुरू प्रदर्शन अगले वर्ष अधिक तीव्र होंगे – अंतरराष्ट्रीय माध्यमों का दावा

दुबई – पिछले तीन महीनों से ईरान में हो रहे प्रदर्शनों की तीव्रता कुछ हद तक कम हुई हैं। फिर भी युवा वर्ग के भारी योगदान के कारण हुए इन क्रांतिकारी प्रदर्शनों की वजह से ईरान की हुकूमत के सामने कुछ अहम सवाल खड़े हुए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के विरोध में साल 2023 में नए प्रदर्शन शुरू होंगे। इसमें हिज़ाब सख्ति विरोध के साथ अन्य मुद्दों का भी समावेश हो सकता हैं। ऐसा हुआ तो ईरान का नेतृत्व इस चुनौती का सामना कर सकेगा क्या? ऐसा सवाल अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं।

ईरान की अदालत ने सरकार विरोधी प्रदर्शन करने वाले 45 लोगों को फांसी सुनाई हैं। इनमें से चार को फांसी पर भी चढ़ाया गया हैं और अन्य लोगों की सज़ा पर जल्द ही कार्रवाई होगी, यह दावा किया जा रहा है। ईरान की अदालत प्रदर्शनकारियों पर ऐसी कार्रवाई कर रही हैं तभी रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ और बसीज मिलिशिया ने सड़क पर उतरें प्रदर्शनकारियों पर अधिक सख्त कार्रवाई करना शुरू किया हैं, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं।
ईरान की सुरक्षा यंत्रणा प्रदर्शनकारियों को पकड़कर जेल में बंद कर रही हैं, ऐसे आरोप मानव अधिकार संगठन लगा रही हैं। इसके अलावा घायल प्रदर्शनकारियों का इलाज़ कर रहें डॉक्टरों पर भी ईरानी यंत्रणा कार्रवाई कर रही हैं। इससे एक महिला डॉक्टर की मौत होने की घटना सामने आयी हैं। प्रदर्शनकारियों को फांसी देकर, या उन्हें जेलों में बंद करके, उनके समर्थकों को प्रताड़ित करके ईरान की सरकार प्रदर्शनकारियों पर मानसिक दबाव बढ़ा रही हैं, यह दावा हो रहा है।

इस वजह से ईरान के सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ कम होने लगी हैं। लेकिन, ईरान के नेतृत्व का विरोध करने के लिए प्रदर्शनकारी बिल्ड़िंगों के खिड़कियां एवं टेरेस पर पहुँचे होने की जानकारी सामने आयी हैं। इसी बीच कुछ महिला प्रदर्शनकारियोंने वाहन पर चढ़कर सेना की कार्रवाई का शिकार बनी युवतियों के पोस्टर्स दिखाना शुरू किया हैं। ऐसे में कुछ प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी का फोटो उल्टा दिखाने का काम भी किया हैं। इन प्रदर्शनों में छोटी बच्चियां भी शामिल होने के फोटो सोशल मीडिया पर जारी हुए हैं।

पिछले तीन महीनों से ईरान की हुकूमत को झटके दे रहे इन प्रदर्शनों में युवा वर्ग का समावेश ध्यान आकर्षित करता हैं, ऐसा अमरिकी वृत्तसंस्था ने कहा हैं। इसमें भी महिलाओं का इसमें देखा गया समावेश ईरान की हुकूमत के लिए चेतावनी हैं, ऐसी इस वृत्तसंस्था का कहना हैं। साल 2009 के चुनाव में हुई धांदली के विरोध में शुरू ग्रीन मुवमेंट, 2014 के ‘माय स्टेल्थी फ्रिडम’ और 2018 के ‘गर्ल्स ऑफ रिवोल्युशन स्ट्रीट’ इन तीन प्रदर्शनों की याद इस वृत्तसंस्था ने ताज़ा की।

इन तीनों प्रदर्शनों में महिलाओं की मौजूदगी काफी बड़ी थी, इसपर भी इस वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से आनेवाले समय में ईरानी हुकूमत ने देश में शुरू प्रदर्शन दबाने के लिए कदम उठाए तो भी खामेनी की हुकूमत के लिए खतरा हो सकता हैं, ऐसा दावा इस वृत्तसंस्था ने किया। ऐसे में अन्य एक वृत्तसंस्था ने साल 2023 में ईरान की हुकूमत को अधिक तीव्र प्रदर्शनों का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी दी। इन प्रदर्शनों की वजह से सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के पद को चुनौती मिल सकती हैं, ऐसा सनसनीखेज दावा इस वृत्तसंस्था ने किया।

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