अमरीका के साथ शुरू बातचीत विफल होने के बाद ईरान और यूरोपिय महासंघ के बीच हुई परमाणु समझौते पर चर्चा

दोहा/तेहरान – वर्ष २०१५ का परमाणु समझौता फिर से अपनाने के लिए अमरीका और ईरान की शुरू बातचीत विफल होने के बाद यूरोपिय महासंघ ने इस दिशा में अपनी कोशिश शुरू की हैं। कतर की राजधानी दोहा में ईरान और यूरोपिय महासंघ के नेताओं की विशेष बैठक हाल ही में हुई। यह बैठक कामयाब होने का दावा ईरान ने किया है। पश्चिमी देशों के साथ नया परमाणु समझौता मुमकिन है, यह ऐलान ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी ने कुछ दिन पहले ही किया था। इसके बाद इस बैठक का आयोजन होने का दावा किया जा रहा है।

दस दिन पहले अमरीका और ईरान के प्रतिनिधियों ने परमाणु समझौते पर गोपनीय बैठक की थी। कतार की मध्यस्थता से आयोजित इस बैठक में ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर मर्यादा लगाए, ऐसी मांग पश्चिमी देश कर रहे थे। लेकिन, ऐसा हुआ तो हमारा परमाणु कार्यक्रम बाधित होगा, ऐसा दावा ईरान कर रहा हैं। ऐसी स्थिति में ईरान ने बायडेन प्रशासन के सामने कुछ नई मांगे रखी थी। लेकिन, किसी भी तरह के पुख्ता निर्णय हुए बिना यह बैठक खत्म होने की खबरें सामने आयी थी।

इस पृष्ठभूमि पर वर्णित परमाणु समझौते के लिए ईरान ने नियुक्त किए हुए विशेष प्रतिनिधि अली बाघेरी कानी और यूरोपिय महासंघ के मध्यस्थ एन्रीक मोरा की बैठक हुई। परमाणु समझौते को लेकर ईरान की भूमिका और प्रतिबंध हटाने के मुद्दे पर मोरा से बातचीत हुई, ऐसा बाघेरी ने स्पष्ट किया। वहीं, ईरान के प्रतिनिधियों से हुई बैठक में परमाणु समझौते के साथ ही द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का समावेश था, ऐसा मोरा ने कहा। साथ ही अपनी हिरासत में रखे अमरिकी और यूरोपिय नागरिकों को ईरान रिहा करें, ऐसी मांग मोरा ने रखी।

ईरान के साथ राजनीतिक चर्चा करने के मार्ग आगे भी खुले रहेंगे। दोहा बैठक की तरह आगे के समय में भी ईरान के साथ सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, ऐसा यूरोपिय महासंघ के प्रवक्ता पीटर स्टैनो ने कहा। ईरान और यूरोपिय देशों की हुई यह पहली बैठक नहीं हैं। पिछले हफ्ते में ही बाघेरी ने यूएई में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रान्स के विशेष प्रतिनिधि से चर्चा की थी। लेकिन, ईरान की मांगे स्वीकारना अमरीका और यूरोपिय देशों को मुमकिन नहीं है, यह दावा किया जा रहा है।

वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते के अनुसार ईरान को अपने प्रकल्प में यूरेनियम संवर्धन सीमित रखना बाध्य हैं। लेकिन, ईरान ने इस मर्यादा के बाहर जाकर यूरेनियम संवर्धन किया है और इस मुद्दे पर समझौता करने के लिए ईरान बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। साथ ही ईरान पर लगाए सभी प्रतिबंध हटाए, यह मांग भी ईरान कर रहा हैं। यह मांगे पुरी हुई तो अमरीका और यूरोपिय देशों ने ईरान के साथ परमाणु समझौता फिर से शुरू किया तो भी इस समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे, ऐसा ऐलान इस्रायल ने पहले ही किया हैं।

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