म्यांमार की सेना की कार्रवाई में १३ की मौत

– दो महीनों से जारी संघर्ष में अब तक ५८१ ढ़ेर
– जुंटा हुकूमत दो वर्षों के लिए ‘इमर्जन्सी’ का ऐलान करने की तैयारी में
– चीनी फैक्टरी में आगजनी

myanmar-forcesयंगून – म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन के लिए हो रहे प्रदर्शनों को कुचलने के लिए जुंटा हुकूमत ने बुधवार के दिन सैगियांग प्रांत के काले शहर में कार्रवाई के दौरान १३ लोग मारे गए। इसी बीच अपनी ही जनता के खिलाफ कार्रवाई कर रही जुंटा हुकूमत को चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का समर्थन होने का आरोप करके प्रदर्शनकारियों ने यंगून शहर में स्थित चीनी फैक्टरी में आगजनी की। इसी बीच म्यांमार की सेना ने अब तक २,७५० लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही अगले दो वर्षों के लिए देश में आपात्काल घोषित करने की गतिविधियाँ भी लष्करी अफसरों ने शुरू करने की खबरें सामने आ रही हैं।

म्यांमार की सेना ने दो महीने पहले देश में हुए चुनावों के नतीजों को पैरों तले कुचलकर जनतांत्रिक नेता आँग स्यैन स्यू की को नज़रबंद किया था। साथ ही उनके पार्टी के सैंकड़ों नेताओं को भी पकड़ा है। इसके बाद सेना ने जबरन कब्जा की हुई सत्ता की ड़ोर छोड़ दो और देश का पूरा नियंत्रण लोकतांत्रिक सरकार के हाथों में दे दो, इस उद्देश्‍य से म्यांमार में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।

myanmar-forcesइन प्रदर्शनों को देश के कोने-कोने से प्रचंड़ समर्थन प्राप्त हो रहा है। स्कूली बच्चों के साथ ही शिक्षक, डॉक्टर्स एवं कई पुलिसकर्मी भी इन प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं।

इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए म्यांमार की सेना ने कई ठिकानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की है और इस दौरान ५८१ प्रदर्शनकारी ढ़ेर हुए हैं। बुधवार के दिन काले शहर में सेना ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान १३ की मौत हुई और कुछ लोग घायल हुए।

सेना की इस कार्रवाई में मारे गए प्रदर्शनकारियों के फोटो म्यांमार के माध्यमों ने प्रसिद्ध किए हैं और लष्करी हुकूमत के खिलाफ फैला असंतोष चरम स्तर पर जा पहुँचा है। म्यांमार के विद्रोही संगठन और धार्मिक गुट भी इन प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं।

लेकिन, म्यांमार की सेना पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का समर्थन प्राप्त होने से म्यांमार की सेना इस कार्रवाई को अंजाम दे रही है, ऐसी आलोचना प्रदर्शनकारी कर रहे हैं। इसके लिए कुछ प्रदर्शनकारियों ने बुधवार के दिन यंगून शहर में चीनी ब्योपारी की फैक्टरी में आगजनी करने की घटना हुई।

myanmar-forcesयंगून शहर में ही कुछ प्रदर्शनकारियों ने चीन का झंड़ा जलाने के फोटो भी सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हुए हैं। बीते महीने में म्यांमार में स्थित ३२ चीनी फैक्टरीज्‌ पर हमले होने की घटनाएँ भी सामने आयी थीं।

म्यांमार की सेना ने इस पर संज्ञान लिया है और प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश जुंटा हुकूमत के प्रमुख ने दिए हैं। इसके साथ ही देश की स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए इमर्जन्सी की अवधि बढ़ाने का दावा किया जा रहा है। कम से कम दो वर्षों के लिए इमर्जन्सी जारी रहेगी, ऐसे संकेत म्यांमार की सेना दे रही है।

म्यांमार की सेना ने अब तक विदेशी माध्यमों पर पाबंदी लगाई थी। लेकिन, नए आपात्काल के बाद देश के माध्यमों पर भी कार्रवाई हो सकती है, ऐसा ड़र व्यक्त किया जा रहा है।

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