भारत विरोधी शक्तियों का केंद्र बने जॉर्ज सोरस का भारतीय एक मत से निषेध करें – केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

नई दिल्ली – ‘अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनाक अपने देश में भारत की वजह से लाखों को रोजगार मिलने का बयान करके भारत के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं। विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में भारत उभर रहा है। ऐसी स्थिति में कुछ विदेशी शक्तियों ने भारत विरोधी गतिविधियां शुरू की हैं और जॉर्ज सोरस इन विदेशी शक्तियों का केंद्र है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के साथ-साथ भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर ही हमला किया है। इसका देश के हर नागरिक, संगठन और राजनीतिक दलों ने मिलकर एक मत से विरोध करना चाहिए’, ऐसा आवाहन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया। 

धनिक निवेशक के तौर पर पूरे विश्व में प्रसिद्ध जॉर्ज सोरस ने उकसाने वाले बयान करके भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर ही सवाल उठाए हैं। इसकी आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारतीय नागरिकों से सोरस का एक मत से विरोध करने का आवाहन किया है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं, ऐसा अजीब दावा सोरस ने किया। भारत में लोकतंत्र की ह्रास हुई है और एक ही समय पर भारत उदारवादी और बंदिस्त व्यवस्था वाले देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए है। अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत ‘क्वाड’ में शामिल है। साथ ही भारत रशिया से सस्ते दर से ईंधन खरीदकर मुनाफा कमा रहा है, ऐसी आलोचना जॉर्ज सोरस ने की।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन से मोदी के अच्छे ताल्लुकात होने का दावा भी जॉर्ज सोरस ने किया। इतना ही नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में हमें सुधारना की उम्मीद है, यह कहकर इस धनिक निवेशक ने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दोष होने के दावे किए हैं। उनके इस बयान पर भारतीय माध्यमों में व्यक्त हो रही प्रतिक्रियाओं द्वारा तीव्र क्रोध व्यक्त किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस पर ध्यान आकर्षित करके सोरस के दावों को खारिज़ किया। लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करके जॉर्ज सोरस ने भारत के लोकतंत्र पर ही आघात किया है। भारत में अपनी उम्मीद के अनुसार व्यवस्था स्थापित करने के लिए जॉर्ज सोरस गतिविधियां कर रहे हैं। इसके साथ ही भारत में ऐसी व्यवस्था स्थापित करने के लिए सोरस ने युद्ध शुरू किया है, ऐसा तीव्र आरोप स्मृति ईरानी ने लगाया।

लेकिन, भारत ऐसी विदेशी शक्तियों को हमेशा से पराभूत करता आ रहा है। इस बार भी उनकी हार ही होगी, यह विश्वास भी स्मृति ईरानी ने व्यक्त किया। भारतीय समाचार चैनलों ने भी सोरस के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई है और पूरे देश में सोरस के उकसानेवाले बयान पर क्रोध व्यक्त किया जा रहा है। एक नहीं, बल्कि कई गंभीर आरोपों वाले इस धनिक को भारत की व्यवस्था पर सवाल उठाने का क्या अधिकार है? ऐसा सवाल किया जा रहा है। इसके अलावा, सोरस से जुड़े काले इतिहास का भी इस अवसर पर वर्णन किया जा रहा है।

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