भारतीय सेना ने चीन की सीमा पर किया अहम ठिकानों पर कब्ज़ा – माध्यमों का दावा

नई दिल्ली – रशिया की राजधानी मास्को में भारत और चीन के विदेशमंत्रियों की बैठक हो रही थी तभी चीन के सरकारी मुखपत्र की धमकियों पर माध्यमों में बड़ी चर्चा हो रही थी। उसी समय लद्दाख स्थित पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर सामरिक नज़रिए से अहम समझे जानेवाले ‘फिंगर ४’ की पहाडियों पर भारतीय सेना ने कब्ज़ा करने के समाचार भारतीय वृत्तसंस्थाओं ने जारी किए है। इसकी वजह से आनेवाले दौर में चीनी सेना को भारतीय सेना के खिलाफ़ कार्रवाई करने में अधिक कठिनाई होगी।

अहम ठिकानों पर कब्ज़ा

चीन अपनी भूमि भारत के लिए छोड़कर युद्ध से बचने की कोशिश करेगा, इस गलतफहमी में भारत रह रहा है। लेकिन, चीन की गतिविधियों को भांपने में भारत ने काफी बड़ी रणनीतिक गलती की है’, ऐसी टिपणी चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने की है। हमेशा की तरह ग्लोबल टाईम्स के ताजे लेख में भी भारत को गंभीर परिणामों का इशारा दिया गया है। साथ ही भारत लद्दाख से पीछे हटे बगैर शांति स्थापित नहीं होगी, अमरीका की सहायता से चीन को झुकाना संभव होगा इस भ्रम में भारत ना रहे, यह इशारे भी ग्लोबल टाईम्स ने दिए हैं।

अहम ठिकानों पर कब्ज़ा

इसी बीच भारतीय सेना ने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर स्थित बड़े अहम समझे जा रहे ‘फिंगर ४’ की पहाड़ियों पर कब्ज़ा करने के समाचार प्राप्त हुए हैं। इससे संबंधित पूरा ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है, फिर भी चीन के साथ जारी इस संघर्ष में भारत ने प्राप्त की हुई यह काफी बड़ी बढ़त साबित होने के दावे किए जा रहे हैं। इसकी वजह से चीन को आनेवाले दिनों में भारतीय सीमा में अपने सैनिकों की घुसपैठ करना कठिन होगा क्योंकि, इन पहाड़ियों पर कब्ज़ा होने से उंचाई पर से चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर दूर से ही नज़र रखना भारतीय सेना के लिए संभव होगा। इससे चीन की बेचैनी में बढ़ोतरी हुई है और चीन के सैनिक इन ठिकानों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसा इशारा भी विश्‍लेषक दे रहे हैं।

लेकिन, किसी भी स्थिति में चीनी सैनिकों को इस क्षेत्र में घुसपैठ करने का अवसर प्रदान ना करें, ऐसे स्पष्ट आदेश भारतीय सैनिकों को दिए गए हैं। चीनी सैनिकों को रोकने के लिए आवश्‍यक कार्रवाई करने की खुली छूट भारतीय सेना को प्राप्त है। इससे संबंधित समाचार गुरूवार की सुबह से ही भारतीय समाचार चैनलों पर प्रसारित हो रहे थे। इसी बीच मास्को में भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर और चीन के विदेशमंत्री वैंग ई की द्विपक्षीय चर्चा हो रही थी तभी माध्यमों में सीमा पर तनाव बढ़ने की खबरें जारी हो रही थीं। इससे पहले ‘एससीओ’ के रक्षामंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षामंत्री से द्विपक्षीय चर्चा की थी। लेकिन, इस चर्चा से कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ था।

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