भारतीय नौदल का चीनी नौदल को ‘हैप्पी हंटिंग’

नई दिल्ली: चीनी नौदल के २९वें एंटी पायरेसी एस्कॉर्ट फोर्स का हिंद महासागर में स्वागत ‘हैप्पी हंटिंग’, ऐसा ट्वीट करके भारतीय नौदल ने चीन के नौदल का मजाक उड़ाया है। चीन की हिंद महासागर में शुरू गतिविधियों पर भारत के नौदल की कड़ी नजर है, ऐसा कड़ा इशारा इस हैप्पी हंटिंग के संदेश द्वारा भारतीय नौदल ने दिया है।

भारत के प्रभाव क्षेत्र में घुसपैठ करके एवं अपनी उपस्थिति बढ़ाने का षड्यंत्र चीन ने रचा है। उसके अनुसार चीनी नौदल के युद्धनौका, पनडुब्बियां एवं विनाशिका हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हुई हैं। उसके लिए चीन से पायरसी विरोधी मुहिम का कारण आगे किया जाता है, पर हालही में चीनी नौदल के इन गतिविधियों के विरोध में भारत ने कडी भूमिका अपनाई है। भारत के नौदल प्रमुख ने चीन के हिंद महासागर में होनेवाली गतिविधियों पर नौदल की नजर होने की बात घोषित की थी। उनके इस घोषणा का अनुभव चीनी नौदल के पथक को होता दिखाई दे रहा है।

सोमवार को चीन के नौदल का बेड़ा हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हुआ। चीनी नौदल के इन गतिविधियों को भारतीय नौदल ने अचूक रूप से देखा है। उसके बाद इन चीनी युद्धनौका का फोटो के साथ ‘हैप्पी हंटिंग’ यह ट्वीट करके भारतीय नौदल ने चीनी नौदल का मजाक उड़ाया है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौदल से कुछ भी छुप नहीं सकता, प्रत्येक गतिविधियों पर भारतीय नौदल की कड़ी नजर है, ऐसा संदेश भारतीय नौदल ने उन्हे दिलाया है। अपने नौदल के जहाजों के बेड़े का भारतीय नौदल से इस तरह से स्वागत होगा, इसकी कल्पना चीन ने बिल्कुल नहीं की थी।

उसके बाद मंगलवार को भारतीय नौदल ने एक और ट्वीट करके हिंद महासागर क्षेत्र में सामर्थ्य भी दुनिया के सामने प्रकट किया है। पर्शियन खाड़ी से मलाक्का के सामुद्रधुनी तक और उत्तर के बंगाल के ऊपर सागर से दक्षिण अफ्रीका के पूर्व किनारे तक भारत के ५० युद्धनौका तैनात है। इस द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र में २४ घंटे पहरा होता है, यह क्षेत्र सभी समय पर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम संपन्न करते हैं, ऐसा नौदल ने उस ट्वीट में कहा है।

भारतीय नौदल के दोनों ट्वीट की अच्छी प्रशंसा हो रही है। योग्य शब्दों में भारत ने सभी को संदेश दिया है। दो महीनों पहले मालदीव में इमरजेंसी के बाद चीन ने अपने युद्धनौका इस क्षेत्र में भेजने का विरुद्ध सामने आया था। उसके बाद भारतीय नौदल ने चीन के जहाजों को वापस जाने पर विवश करने की भी खबरें आई थी। पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह चीन विकसित कर रहा है। इस बंदरगाह का चीन अपने युद्धनौका और पनडुब्बियों के लिए तल के जैसा उपयोग कर सकता है। अब मालदीव को भी साथ में लेकर उनके द्वीप का उपयोग तल की तरह करने के लिए चीन प्रयत्न कर रहा है। ऐसा प्रयत्न इससे पहले भी चीन ने श्रीलंका में किया था। पर भारत ने उसे उधेडा है। जीबौती में चीनी नौदल ने कई महीनों पहले अपना नौदल तल निर्माण किया है। पर सेशल्स में अपना नौदल निर्माण करने के लिए भारत ने करार किया है। उसके बाद बहरीन में अमरिका के नौदल पर अपना लष्करी अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय भारत ने लिया है। इस के साथ ही भारत को घेरने के चीन के प्रयत्नों को भारत ने झटका दिया है।

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