भारत एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की चर्चा

लंदन: स्वीडन का दौरा पूर्ण करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में दाखिल हुए। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने प्रधानमंत्री मोदी से अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की है, ऐसी जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने तथा ब्रिटेन के यंत्रणाओं से मिली है। इस चर्चा मे आतंकवाद विरोधी कार्यवाहियां एवं कट्टरता के विरोध में दोनों नेताओं ने ठोस भूमिका स्वीकारने की बात स्पष्ट हुई है। साथ ही भारत एवं ब्रिटेन में रक्षा से अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बीच सहयोग पर भी दोनों नेताओं में सहमती हुई।

बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री मे के दरमियान चर्चा हुई। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के निवास स्थान पर हुई इस चर्चा में आतंकवाद एवं धार्मिक कट्टरता के विरोध में दोनों नेताओं ने प्रखर भूमिका ली है तथा आतंकवाद के विरोध में एकजुट हो कर काम करने पर भी प्रधानमंत्री मोदी एवं प्रधानमंत्री मे ने चर्चा की है। दोनों नेताओं ने सभी प्रकार के आतंकवाद का कड़े शब्दों में निषेध जताया है। तथा सीरिया पर हमला, रशिया के भूतपूर्व जासूस सर्जेई स्क्रीपल पर हुए विष प्रयोग, इंडो पैसिफिक क्षेत्र में गतिविधियां इन सारे विषयों पर प्रधानमंत्री मोदी एवं थेरेसा मे ने चर्चा की है।

भारत एवं ब्रिटेन के संबंधों के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रेग्जिट के बाद यह संबंध उतने ही महत्वपूर्ण होंगे, ऐसा दावा किया है। तथा रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों ने एक दूसरों के साथ साझेदारी बढ़ाने का धारणात्मक निर्णय लिया है और इस मुद्दे का भी दोनों नेताओं के चर्चा में समावेश रहा। भारत एवं ब्रिटेन के लष्कर का एक दूसरों के साथ समन्वय एवं सहयोग बढ़ाने का निर्णय उस समय लिया गया है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षिय व्यापार बढ़ाने के लिए विशेष प्रयत्न करने की ठानी। इसका प्लान निश्चित करके द्विपक्षीय व्यापार के बाधाएं दूर करने के लिए प्रयत्न करने की बात प्रधानमंत्री मोदी एवं प्रधानमंत्री थेरेसा ने मंजूर की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के राजपुत्र प्रिन्स चार्ल्स से चर्चा की एवं उनके साथ ब्रिटेन के रॉयल म्यूजियम को भेट दी है। गुरुवार से राष्ट्रकुल के सदस्य देशों की बैठक शुरू होने वाली है, इसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल होने वाले हैं। यूरोपीय महासंघ से ब्रिटेन ने बाहर निकलने का निर्णय लेने के बाद तथा रशिया के साथ ब्रिटेन का तनाव बढ़ने के बाद, ब्रिटेन भारत के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है, ऐसा प्रतीत होता है। उसका प्रतिबिंब प्रधानमंत्री मोदी इनके ब्रिटेन दौरे से दिखाई दे रहा है।

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