‘व्हॉट्सऐप’, ‘टेलिग्राम’ की तर्ज पर भारतीय सेना ने किया ‘एसएआय ऐप’ विकसित

नई दिल्ली – भारतीय सेना ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत दूसरे किसी ऐप्लिकेशन पर निर्भर रहे बगैर एक-दूसरे से संपर्क बनाने के लिए ‘सिक्युअर ऐप्लिकेशन फॉर इंटरनेट’ (एसएआय) नामक सुरक्षित और आसान ‘मेसेजिंग ऐप’ विकसित किया है। फिलहाल एंड्रॉईड प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध इस ऐप के माध्यम से सुरक्षित वॉईस कॉल, वीडियो कॉल एवं लिखित संदेश भेजने की सेवा प्रदान होगी। अगले कुछ दिनों में इस ऐप की सेवा शुरू होगी और यह ऐप मौजूदा व्हॉट्सऐप, टेलिग्राम, जीआयएमएस जैसे व्यावसायिक मेसेजिंग ऐप्स से स्पर्धा करनवाला होगा, यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने साझा की है।

indian_army_sai-appभारतीय सेना के अधिकारी, सैनिक एक-दूसरे से संवाद के लिए व्हॉट्सऐप, टेलिग्राम जैसे मोबाईल ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, इन ऐप्स के सर्वर देश के बाहर हैं। सुरक्षा के नज़रिये से यह काफी गंभीर बात साबित होती है। ऐसे में गलवान में हुए संघर्ष के बाद भारतीय सेना को संवाद करनेवाले ऐप्स का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही चीनी ऐप्स, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म, ई-कॉमर्स, कैमेरा ऐप्स, ब्राउज़र्स एवं फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्रू कॉलर जैसे ऐप्स डिलिट करने के लिए भी कहा गया है।

भारतीय सेना ने विकसित किए ‘एसएआय’ के सर्वर ‘एनआयसी’ से जुड़े होंगे, इस वजह से इस ऐप का पूरा डाटा देश में ही सुरक्षित रहेगा। रक्षाबलों की आवश्‍यकता के अनुसार ‘एसएआय ऐप’ का निर्माण किया गया है और यह रणनीतिक नज़रिये से अहम बात है। इस ऐप में सुरक्षित कॉलिंग सेवा, संदेश सेवा और वीडियो कॉलिंग सेवा का भी सपोर्ट रहेगा। फिलहाल यह ऐप एंड्रॉईड सपोर्ट के स्मार्टफोन में इस्तेमाल करना संभव होगा। साथ ही इस ऐप में लोकल इन-हाउस सर्वर समेत कोड़िंग के नज़रिये के सभी सुरक्षित फीचर्स मौजूद हैं। साथ ही इसमें आवश्‍यकता के अनुसार बदलाव करना भी संभव होगा, ऐसा कहा जा रहा है।

‘सीईआरटी-इन पैनल’ के लेखापरीक्षक एवं सेना के सायबर ग्रुप ने जाँच करने के बाद इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी प्राप्त हुई है। अब यह ऐप ‘पेटंट’ प्राप्त करने के उद्देश्‍य से ‘इंटलेक्च्युअल प्रॉपर्टी राईट’ (आयपीआर) के सामने रखा गया है। इस ‘ऐप’ के ‘आयओएस’ की आवृत्ति पर काम जारी है, यह जानकारी भारतीय सेना के सूत्रों ने साझा की है।

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