भारतीय सेना का चीन के दुष्प्रचार पर मुँहतोड़ प्रत्युत्तर

नई दिल्ली – भारत के हिस्से के गलवान घाटी के हिस्से पर कब्ज़ा करने का भ्रम निर्माण करनेवाले चीन को भारतीय सेना ने मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दिया। गलवान घाटी में तिरंगा लहरा रहे भारतीय सैनिकों का फोटो सेना ने जारी किया है। यह फोटो १ जनवरी को गलवान घाटी में ही खींचा गया है, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की है। इसके बाद चीन के प्रचारयुद्ध की भारत ने हवा निकाल दी है, ऐसी चर्चा भारतीय माध्यम एवं सोशल मीडिया पर हो रही है।

मुँहतोड़ प्रत्युत्तरनए वर्ष के शुरू में चीन ने गलवान घाटी में तैनात अपनी सेना का वीडियो जारी किया था। चीन का राष्ट्रध्वज गलवान वैली में लहराने का दावा इसमें किया गया था। २०२० के अगस्त में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सेनाओं के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान कर्नल संतोष बाबू समेत भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे। लेकिन, इस संघर्ष में चीन की सेना का इससे कहीं अधिक नुकसान हुआ था। लेकिन, इस बात को इस घमंड़ी देश ने कभी नहीं कबूला था। बल्कि, इस संघर्ष में अपनी फौज की जीत के दावे चीन अभी भी कर रहा है। लेकिन, वास्तव में भातीय सेना के झटके से चीन के सैनिकों का मनोबल टूटने की बात सामने आयी थी। तब से लद्दाख के ‘एलएसी’ पर अपनी जीत का मिथ्या चित्र खड़ा करना चीन की ज़रूरत बन गई है।

इसी कोशिश के रूप में चीन ने नए वर्ष में गलवान घाटी के यह वीडियो और फोटो जारी किए। लेकिन, चीन की सेना ने अपना राष्ट्रध्वज गलवान में हुए संघर्ष के स्थान पर नहीं बल्कि अपने नियंत्रण के क्षेत्र में लगाने की बात स्पष्ट हुई है। गलवान के जिस स्थान पर संघर्ष हुआ वह स्थान चीन द्वारा झंड़ा लगाए गए स्थान से डेढ़ किलोमीटर दूर है, इस बात पर भारतीय पत्रकार और विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद चीन के दुष्प्रचार के खिलाफ भारत में गुस्सा व्यक्त किया जा रहा है। लेकिन, मंगलवार को भारतीय सेना ने गलवान घाटी का फोटो जारी करके चीन के दुष्प्रचार का मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दिया। यह फोटो गलवान घाटी में १ जनवरी के दिन ही खींची गई थी। इस फोटो में भारत के ३० सैनिक तिरंगे के साथ नए साल का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

गलवान घाटी से संबंधित फिज़ूल गुमराह करनेवाली जानकारी सार्वजनिक करने की साज़िश भारतीय सेना ने नाकाम की है, ऐसा कहा जा रहा है। खास तौर पर सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकों ने दुष्प्रचार कर रहे चीन का मज़ाक उड़ाया हुआ दिख रहा है।

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