भारतीय सेना ‘पीओके’ पर कब्ज़ा करने के लिए पूरी तैयार – सरकार के आदेश की प्रतिक्षा में होने का सेना के उत्तरी कमांड़ के प्रमुख का दावा

पूंछ – पाकिस्तान के कब्ज़ा वाले कश्मीर (पीओके) पर कब्ज़ा करने के आदेश केंद्र सरकार दे तो भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है, ऐसा सेना के उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने घोषित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि, भारत की विकास यात्रा ‘पीओके’ और गिलगिट-बाल्टिस्तान तक पहुँचे बिना पूरी नहीं होगी। इसका दाखिला देते हुए लेफ्टनंट जनरहल द्विवेदी पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे।

‘पीओके’ पर कब्ज़ापिछले कुछ महीनों से भारत ‘पीओके’ पर पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े का मुद्दा उठा रहा हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो ‘पीओके’ और गिलगिट-बाल्टिस्तान के समावेश के बिना भारत की विकास यात्रा पूरी नहीं हो सकती, ऐसा कहा था। इसके अलावा पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान की भारतीय जनता पर पाकिस्तान को अत्याचारों की कीमत चुकानी पडेगी, ऐसी चेतावनी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी थी। पाकिस्तानी माध्यमों ने इसका गंभीर संज्ञान लेकर भारत पीओके पर कब्ज़ा करने के लिए हमले करने की तैयारी में व्यस्त होने के दावे किए थे।

इस पृष्ठभूमि पर लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने पीओके पर कब्ज़ा करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार होने की बात कहकर पाकिस्तान की धड़कनें बढ़ाई हैं। लेकिन, रक्षा मंत्री ने जो कहा, इसमें कुछ नया नहीं है और भारत की संसद ने ही ‘पीओके’ के साथ गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का ही हिस्सा होने का प्रस्ताव पारित किया है, इस पर लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने ध्यान आकर्षित किया। इसकी वजह से भारतीय सेना ने अपने ही देश का क्षेत्र वापस लेने के लिए कार्रवाई की तो इस दूसरे देश पर आक्रमण नहीं कहा जा सकता, ऐसे संकेत लेफ्टनंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिए हैं।

कश्मीर घाटी में अब तक तीन सौ से अधिक आतंकी हैं और इनमें से ८२ पाकिस्तान से यहां आए हैं। इसके अलावा स्थानीकों की संख्या ५३ है। अन्य १७० की अब तक पहचान नहीं हुई है। लेकिन, इन सबको गतिविधियां करने का अवसर ही नहीं मिलेगा, इस तरह से जम्मू-कश्मीर में रक्षा बलों का काम हो रहा है। आतंकी हरकतों को काबू करने में सेना को सफलता हासिल हुई है। इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी रणनीति में बदलाव करने की ओर नॉर्दन कमांड के प्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। फिलहाल पाकिस्तान बड़े हथियारों के बजाय पिस्तौल, ग्रेनेडस्‌‍ और नशीले पदार्थों की तस्करी करके आम जनता को लक्ष्य कर रहा है, इस पर भी लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने ध्यान आकर्षित किया।

आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला हुआ तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ेगा, यह इशारा अमरिकी अध्ययन मंडलों ने पहले ही दिया था। भारत युद्ध के लिए तैयार है और किसी भी समय पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान पर कब्ज़ा करेगा, ऐसी चर्चाएं पाकिस्तान में हो रही हैं। नॉर्दन कमांड के पूर्व प्रमुख रहे केजेएस ढ़िल्लोन को सोशल मीडियो पर ‘पीओके’ के किसी नागरिक ने सवाल किया था। भारत ने पाकिस्तान से यह क्षेत्र वापस ले लिया तो यहां की जनता को यहीं रहने की अनुमति भारत देगा, या उन्हें पाकिस्तान जाना पडेगा? ऐसा इस व्यक्ति ने पुछा था।

‘पीओके’ और गिलगिट-बाल्टिस्तान की ओर पाकिस्तान सिर्फ अनदेखा कर रहा है, ऐसा अफसोस यहां के स्थानिक एवं नेता भी व्यक्त कर रहे हैं। पिछले सात दशकों से अधिक समय से पाकिस्तान ने इस क्षेत्र के विकास को पुरी तरह से नज़रअंदाज किया और इसके भयानक परिणाम यहां की जनता को भुगतना पड़ रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों की वजह से यह क्षेत्र बहुत ज़्यादा असुरक्षित होने की शिकायत स्थानीय नागरिक कर रहे हैं और अब प्रदर्शनों के ज़रिये जनता अपना गुस्सा व्यक्त कर रही है।

ऐसी स्थिति में भारत के नेता और सैन्य अधिकारी पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान पर कर रहे बयान ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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