यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए चीन से ज्यादा भारत प्रभावी भूमिका निभाएगा – अमरीका के वरिष्ठ सांसद का भरोसा

वॉशिंग्टन – यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए चीन ने मध्यस्थता करने की तैयारी दर्शायी थी। लेकिन, चीन से ज्यादा भारत यह भूमिका अच्छी तरह से निभा सकेगा, ऐसा दावा अमरीका के वरिष्ठ सांसद ने किया है। भारत के प्रधानमंत्री और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष के साथ बने ताल्लुकातों पर गौर करे तो भारत ही रशिया और यूक्रेन में शांति स्थापित कर सकेगा, ऐसा अमरिकी कांग्रेस सदस्य अमी बेरा ने कहा हैं। प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे से पहले अमरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने किया यह दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है। 

यूक्रेन युद्धचीन की मध्यस्थता के कारण सौदी अरब और ईरान का तनाव कम हुआ है और इन देशों के बीच नए से राजनीतिक सहयोग स्थापित हुआ है। इस वजह से खाड़ी क्षेत्र में चीन का प्रभाव काफी बड़ी मात्रा में बढ़ा है और उसी मात्रा में अमरीका का प्रभाव कम होने के दावे विश्लेषक कर रहे हैं। इस सफलता के कारण चीन का आत्मविश्वास बढ़ा हैं और चीन फिलहाल इस्रायल-पैलेस्टिन की समस्या का हल निकालने की कोशिश में लगा है। पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास ने इसके लिए चीन का दौरा किया था। इसके साथ ही चीन ने रशिया और यूक्रेन का युद्ध रोकने के लिए १२ मुद्दों का प्रस्ताव भी पेश किया था। अपने इस प्रस्ताव का संज्ञान पश्चिमी देश नहीं ले रहे हैं, ऐसी चीन की शिकायत है।

इस पृष्ठभूमि पर भारतीय वंश के अमरिकी कांग्रेस सदस्य अमी बेरा ने यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत अधिक प्रभावी मध्यस्थता कर सकेगा, ऐसा दावा किया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से अच्छे ताल्लुकात हैं। जैसे वह पुतिन से चर्चा कर सकते हैं, वैसी चर्चा अन्य नहीं कर सकते, इस ओर अमी बेरा ने ध्यान आकर्षित किया। एक ही समय पर रशिया और अमरीका से अच्छे ताल्लुकात रखने वाला भारत अधिक भरोसेमंद मध्यस्थ के तौर पर काम कर सकता हैं, इसपर कांग्रेस सदस्य बेरा ध्यान आकर्षित करते दिख रहे हैं। 

यूक्रेन युद्ध में किसी के भी पक्ष में खड़े रहे बिना तटस्थ रहने की नीति भारत ने अपनाई थी। लेकिन, भारत की यह तटस्थता यानी रशिया के समर्थन में खड़े रहने जैसा है, ऐसी आलोचना पश्चिमियों ने की थी। लेकिन, यही तटस्थता आज भारत के पक्ष का काफी बड़ा मुद्दा बनता सामने आ रहा है। अमरिकी नेता यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए चीन से ज्यादा भारत अधिक भरोसेमंद देश साबित होगा, ऐसा कहने लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने यूक्रेन युद्ध अधिक खतरनाक ना हो, इस इरादे से भारत की सहायता पाने की बात पहले ही स्पष्ट हुई थी। इस युद्ध को रोकने के लिए हम भारत की सहायता से बातचीत कर रहे हैं, ऐसा फ्रान्स ने कहा था। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे में उनकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के साथ रशिया-यूक्रेन युद्ध रोकने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है, ऐसा दावा कांग्रेस मन बेरा ने किया है। 

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