‘अमरीका ने भारत के साथ रक्षाविषयक सहयोग बढाना चाहिए’ : अमरिकी काँग्रेस कमिटी की सूचना

वॉशिंग्टन: भारत को ‘विशेष सामरिक सहकारी देश’ का दर्जा मिलें, इसके लिए अमरिकी प्रशासन ने ज़रूरी कदम उठाने चाहिए, ऐसी सूचना अमरिकी काँग्रेस की ‘कॉन्फरन्स कमिटी’ ने की है| उसी समय, जब तक पाकिस्तान आतंकी गुटों पर कार्रवाई नहीं करता, तब तक पाकिस्तान को अमरीका की ओर से दी जानेवाली आर्थिक सहायता रोकने की शिफारस भी इस कमिटी ने की है| अमरिका में डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन सत्ता पर आने के कुछ ही हप्ते पहले इस कमिटी ने की हुई यह सिफ़ारिश सबका ग़ौर फ़रमा रही है|

पिछले कुछ सालों से भारत एवं अमरीका के बीच रक्षाविषयक सहयोग मज़बूत हो रहा है| अमरीका इसके लिए वचनबद्ध है, ऐसे दावे इस देश के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा, विदेशमंत्री जॉन केरी और रक्षामंत्री ऍश्टन कार्टर ने किए थे| लेकिन अभी भी दोनों देशों का रक्षाविषयक सहयोग ज़रूरी रफ़्तार नहीं पकड़ पा रहा है| इस प्रक्रिया में अभी भी कई दिक्कतें हैं, ऐसा कहते हुए भारतीय और अमरिकी नेता इसपर नाराज़गी जता रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी काँग्रेस की कॉन्फरन्स कमिटी ने तयार किए लगभग तीन हजार पन्नों के रिपोर्ट में, भारत के साथ के रक्षाविषयक संबंधो की अहमियत को अधोरेखित किया है| भारत को ‘अमरीका का रक्षाविषयक साझेदार देश’ के तौर पर स्थान देने के लिए ज़रूरी कदम तेज़ी से उठाने की सूचना इस अहवाल में की गई है| अमरीका के विरोधी पक्ष के नेता जॉन मॅक्केन ने भी, भारत के साथ अमरीका का रक्षाविषयक सहयोग और भी दृढ और व्यापक बनाने की ज़रूरत है, ऐसा कहा है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने, भारत को प्रगत तंत्रज्ञान  और हथियार मिलें इसलिए नियमों में ज़रूरी बदलाव करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ऐसा आवाहन मॅक्केन ने किया है| दोनों देशों में प्रगत प्राद्यौगिकी के हस्तांतरण के संदर्भ में कुछ हद तक प्रगती हुई भी है| लेकिन अभी भी भारत को अमरीका से प्रगत प्राद्यौगिक नहीं मिला है| इसका भारत की रक्षाविषक क्षमता पर परिणाम हो रहा है, यह बात अमरिकी नेता भी मान रहे है|

इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी काँग्रेस की इस कमिटी ने दिए रिपोर्ट की अहमियत बढ़ी है| अमरीका के रक्षामंत्रीसहित विदेशमंत्री भारत के साथ रक्षाविषक सहयोग बढ़ाकर देश के हितसंबधों की रक्षा करें, ऐसी उम्मीद इस रिपोर्ट में व्यक्त की गई है|

अमरीका के सत्ताधारी डेमोक्रॅट के साथ ही, विपक्ष रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य भी इस कमिटी में हैं| इस वजह से, अमरीका की भारतसंबंधी भूमिका में किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं हैं, यह स्पष्ट हो रहा है| इसी समय अमरिकी काँग्रेस की इस कमिटी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है| पाकिस्तान ने अब तक हक्कानी गुट के आतंकवादियों पर कार्रवाई करने से मना किया है| आतंकवादियों पर कार्रवाई करना पाकिस्तान के हित में है और ऐसी कारवाई करने को नकारनेवाले पाकिस्तान को अमरीका ने आर्थिक सहायता नहीं करनी चाहिए, ऐसी सिफ़ारिश इस कमिटी ने की है| साथ ही, अमरीका की ओर से पाकिस्तान को दी जानेवाली आर्थिक सहायता बलुच, सिंधी और पाकिस्तान के अल्पसंख्यांकों के गुटों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं की जायेगी, इसके लिए जागरुक रहना चाहिए, ऐसी सूचना भी इस कमिटी ने अमरीका के रक्षामुख्यालय पेंटॅगॉनला को की है|

हॉवित्झर के खरीदारी-व्यवहार पर मुहर
भारत अमरीका से १४५ ‘एम-७७७’ हॉवित्झर तोपें खरीदनेवाला है| इससे भारतीय लष्कर की मारक-क्षमता में काफ़ी बढ़ोतरी होनेवाली है| इससे पहले भारत ने, १९८० के दशक में बोफोर्स तोपें खरीदी थीं। इसके बाद भारत ने लंबी पहुँचवालीं तोपों को नहीं खरीदा था| इस वजह से भारत की रक्षाविषयक क्षमता पर विपरित परिणाम हुआ था, ऐसा जानकारों का कहना है|

howitzer_guns- ‘विशेष सामरिक सहकारी देश’

‘एम-७७७’ हॉवित्झर तोपों के व्यवहार से भारत और अमरीका के बीच के रक्षाविषयक संबंध और भी मज़बूत होंगे, ऐसा विश्‍वास अमरीका के भारतस्थित राजदूत रिचर्ड वर्मा ने जताया है| यह समझौता संपन्न हुआ है और जल्द ही ये तोपें भारतीय लष्कर को मिलेंगी| लगभग पाँच हज़ार करोड़ रुपये के इस व्यवहार को भारत के संरक्षण मंत्रालय ने अक्तूबर महीने में मंज़ुरी दी थी| फिलहाल पाकिस्तान से सटी नियंत्रणरेखा पर तनाव बढ़ा है, तभी हॉवित्झर तोपों की वजह से भारतीय सेना की मारक-क्षमता और बढ़नेवाली है| इस प्रकार की आधुनिक तोपों का समावेश करनेवाला भारत यह चौथा देश बना है| फिलहाल अमरीका, कॅनडा एवं ऑस्ट्रेलिया इन देशों के पास हॉवित्झर तोप है|

 

 

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