अमरिकी राजदूत के तवांग दौरे पर नाराज़गी जतानेवाले चीन को भारत की फटकार

नवी दिल्ली/बीजिंग, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – अमरीका के भारत स्थित राजदूत रिचर्ड वर्मा ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग का दौरा करने के बाद चीन की ओर से प्रतिक्रिया आई है| इस विवादित इलाके का अमरिकी राजदूत का दौरा गैरज़िम्मेदाराना है और इस वजह से भारत चीन के बीच का सीमाविवाद और भी गंभीर बनेगा, ऐसा चीन ने कहा| साथ ही, अमरीका इस विवाद में दख़ल देकर यहाँ की शांति और स्थिरता ख़तरे में ना डालें, ऐसी चेतावनी चीन ने दी है| लेकिन अमरिकी राजदूत का तवांग दौरा कुछ विशेष नहीं है, ऐसा कहते हुए, यह इलाका भारत का अभिन्न प्रांत है, ऐसा भारत के विदेशमंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है|

तवांगअरुणाचल प्रदेश के तवांग में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा शामिल हुए थे| २१ अक्तूबर को हुए इस कार्यक्रम में अरुणाल प्रदेश और आसाम के मुख्यमंत्री भी शामील हुए थे| अरुणाचल प्रदेश के साथ तवांग यह हमारा प्रांत है, ऐसा दावा चीन की ओर से किया जाता है| अरुणाचल प्रदेश को भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपती ने भेंट देने के बाद भी चीन की द्वारा प्रतिक्रिया दी जाती है| उस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी राजदूत के तवांग दौरे के बाद चीन की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया अपेक्षित है, ऐसा कहा जा रहा था| इस अपेक्षानुसार, चीन के विदेशमंत्रालय ने इसपर कड़ी नाराज़गी जताते हुए प्रतिक्रिया दी है|

‘अमरिकी के राजदूत का तवांग दौरा गैरज़िम्मेदाराना है| भारत और चीन सीमाविवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं| सीमा पर शांती बनाए रखने के लिए और सलोखा रखने के लिए दोनों देशों ने बड़े परिश्रम किए है| ये सारे प्रयास अमरीका के गैरज़िम्मेदाराना बर्ताव से विफल हो सकते हैं| इस वजह से, भारत और चीन के बीच जो विवाद है, उसमें दख़लअंदाज़ी कर अमरीका यहाँ की शांति और स्थिरता ख़तरे में ना लाएँ| इसके बजाए अमरीका ने शांति और सलोखा बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए’ ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘लू कँग’ ने कहा है| साथ ही, ‘थर्ड पार्टी’ की दख़लअंदाजी से भारत और चीन के बीच का सीमाविवाद और भी जटील होगा, ऐसा कहते हुए चीन के विदेशमंत्रालय ने भारत को चेतावनी दी है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

pg01_Liuभारत के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने चीन की इस प्रतिक्रिया पर कडी नाराज़गी स्पष्ट शब्दों में जताई है| ‘अमरिकी राजदूत के तवांग दौरे में कुछ ख़ास नहीं था’ ऐसा कहते हुए, ‘इस सिलसिले में चीन ने एतराज़ जताने की कुछ भी वजह नहीं है’ ऐसा स्वरूप ने स्पष्ट किया| साथ ही, अरुणाचल प्रदेश यह भारत का अविभाज्य इलाका है, ऐसा कहते हुए, अमरीका के राजूदत देश के किसी भी इलाक़े की भेंट कर सकते हैं, इसका एहसास स्वरूप ने चीन को दिलाया है| अरुणाचल प्रदेश के सिलसिले में चीन द्वारा किए जा रहे दावे भारत गंभीरता से नहीं लेता, ऐसा स्वरूप ने अपनी प्रतिक्रिया से दिखाया है| इससे पहले भी चीन ने, अरुणाचल प्रदेश को लेकर अमरीका और जापान की कडी आलोचना की थी| अरुणाचल प्रदेश यह भारत का हिस्सा है, ऐसा अमरीका के राजनीतिक अधिकारी ने कहा था| तभी जपान ने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की बुनियादी सुविधाओं की विकास परियोजना के लिए सहायता करने का फैसला घोषित किया था| इसके बाद चीन ने तीख़ी प्रतिक्रिया देते हुए, ये देश भारत और चीन में विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा इल्ज़ाम लगाया था| साथ ही, इन दोनों देशों की कोशिशों को भारत प्रतिसाद नहीं देगा, ऐसा भरोसा चीन की सरकारी मीडिया ने जताया था|

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