भारत और वियतनाम की रणनीतिक साझेदारी अधिक मज़बूत होगी – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – चीन भारत के पड़ोसी देशों को पकड़कर नई हरकतों से उकसाने की कोशिश कर रहा है और इसी बीच भारत ने भौगोलिक नज़रिए से चीन के करीबी देशों से संबंध मज़बूत करना शुरू किया है। भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने चीन के साथ तनाव से भरे संबंध वाले वियतनाम से ‘नैशनल डे’ के अवसर पर शुभेकामनाएं प्रदान करने के साथ ही रणनीतिक साझेदारी अधिक मज़बूत करने का वादा किया है। बीते सप्ताह में ‘इंडिया-वियतनाम जॉइंट कमिशन’ की बैठक हुई थी। इसी बैठक में विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने वियतनाम को ‘इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव’ में शामिल होने का न्यौता दिया था।

jaishankarचीन की जारी हरकतों की वजह से फिलहाल भारत-चीन नियंत्रण रेखा पर काफी तनाव बना हुआ है। भारत ने लष्करी स्तर पर चीन को करारा प्रत्युत्तर दिया है और आर्थिक एवं राजनीतिक स्तर पर भी चीन के खिलाफ़ आक्रामक मुहीम चलाई है। भारत लगातार अपने मित्र देशों से संपर्क बनाए हुए है और चीन पर अधिक दबाव डालने के लिए आग्नेय एशियाई देशों से भी सहयोग मज़बूत करने की कोशिश में जुटा है। भारत के विदेशमंत्री ने वियतनाम को प्रदान की शुभेकामनाओं और सहयोग से संबंधित किया गया बयान इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है।

वियतनाम ७५वां राष्ट्रीय दिवस मना रहा है और इस अवसर पर हम वियतनाम की सरकार, वियतनाम की जनता और हमारे सहयोगी वियतनाम के उप-प्रधानमंत्री एवं विदेशमंत्री फाम बिन्ह मिन्ह को तहेदिल से शुभेकामनाएं देते हैं। आनेवाले दिनों में भारत और वियतनाम की रणनीतिक साझेदारी अधिकाधिक मज़बूत होगी, इसका हमें पूरा विश्‍वास है, यह बयान एस.जयशंकर ने किया। बीते कुछ वर्षों में भारत ने वियतनाम के साथ समुद्री क्षेत्र में इंधन का खनन करने से संबंधित समझौते किए हैं और रक्षा सहयोग प्रदान करने की बात भी स्वीकार की है। इसके लिए भारत ने वियतनाम को लगभग ६० करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता भी प्रदान की है।

indchinaकोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर चीन की हुकूमत ने अपनी वर्चस्ववादी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए जोरदार गतिविधियां जारी की हैं। साउथ चायना सी के क्षेत्र में तैवान और वियतनाम जैसे देशों की सीमा में जारी गतिविधियां और भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश करना भी इसी का हिस्सा है। चीन की आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका और भारत के साथ प्रमुख देश तेज़ कदम उठा रहे हैं। इसमें चीन के करीबी आग्नेय एशियाई देशों को भी शामिल किया जा रहा है और भारत ने वियतनाम के साथ रणनीतिक साझेदारी मज़बूत करने के लिए की हुई पहल इसी का हिस्सा है। भारत और वियतनाम के बीच बढ़ रहे सहयोग की पृष्ठभूमि पर यह दोनों देश अगले दिनों में एशियाई महाद्विप में ‘आयर्न ब्रदर्स’ साबित होंगे, यह दावा प्रसार माध्यमों ने कुछ दिन पहले किया था।

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