अभिनंदन इनकी रिहाई के बाद भी भारत-पाकिस्तान संघर्ष थमेगा नही – भूतपूर्व अधिकारी एवं विश्‍लेषकों का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरनई दिल्ली/अटारी – शुक्रवार शाम तक सभी देशवासी विंग कमांडर अभिनंदन इनकी प्रतिक्षा कर रहे थे| वाघा सीम पर हजारों की संख्या में उपस्थित लोग अभिनंदन की वापसी से पहले से ही सीमा पर खुशी मना रहे थे| लेकिन, पाकिस्तान के विरोध में भारतीय जनता में मौजूद असंतोष की भावना जरा भी कम नही हुई है| विंग कमांडर अभिनंदन इनकी रिहाई करके अपने बढप्पन का प्रदर्शन करने की कोशिश में रहनेवाले पाकिस्तान को भूतपूर्व लष्कर प्रमुख और वर्तमान के विदेश राज्य मंत्री जनरल व्ही.के.सिंग इन्होंने इतिहास की याद दिलाई| वर्ष १९७१ के युद्ध के दौरान भारत ने पाकिस्तान के ९० हजार सैनिकों को सम्मान के साथ छोडा था| इस ओर भी सिंग इन्होंने ध्यान आकर्षित किया है| साथ ही इस रिहाई के बदले में पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की सहुलियत ना मिले, यह भावना आम लोगों से व्यक्त की जा रही है|

गुरूवार के दिन पाकिस्तान की संसद में बोलते समय प्रधानमंत्री इम्रान खान इन्होंने भी भारत से पाकिस्तान पर मिसाइल हमला होने का डर था, ऐसा कहा था| इस वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जाहीर किए इस निर्णय के पीछे भारत का लष्करी दबाव था और इस वजह से पाकिस्तान को अभिनंदन इन्हें रिहा करना पडा, यह स्पष्ट होता है| संसद में किए भाषण में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह बात अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार करके देश का सीर झुकाने पर विवश किया, ऐसी आलोचना पाकिस्तान में चरमपंथी कर रहे है| वही, भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो भारत की चिता जलाई जाएगी, ऐसी धमकी पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशिद इन्होंने संसद में अपने भाषण में दी थी| भारत को धमकाया जा रहा था, तभी पाकिस्तान के किसी भी नेता ने आतंकवाद के विरोध में कार्रवाई करने की जरूरत नही जताई| इस वजह से पाकिस्तान की ‘आतंकी’ नीति आगे भी बरकरार रहेगी, यह स्पष्ट हो रहा है|

इस बात का पूरा ज्ञान रखनेवाले भारतीय नेताओं ने पाकिस्तान पर दबाव बरकरार रखने के लिए आक्रामक भूमिका अपनाई है| ‘अभिनंदन इनकी रिहाई के बाद भी दोनों देशों में बना तनाव कम होने की गुंजाईश नही है, इसके लिए पाकिस्तान को और बहुत कुछ करना होगा| पाकिस्तान आतंकियों पर कठोर कार्रवाई करके दिखाए, यह भारत की उम्मीद है, ऐसा व्ही.के.सिंग इन्होंने कहा है| अभिनंदन इनकी रिहाई करके इस पर अपनी ही पीठ थपथपा रहे पाकिस्तान यह याद रखे की, ७१ के युद्ध के बाद भारत ने पाकिस्तान के ९० हजार सैनिकों को सम्मान के साथ रिहा किया था, ऐसा कहकर सिंग इन्होंने पाकिस्तान को फटकारा|

भारतीय रक्षा बलों के निवृत्त एवं कार्यरत अधिकारियों के साथ ही सामरिक विश्‍लेषक और आम लोग भी अभिनंदन इनकी रिहाई पर संतोष जता रहे है और ऐसे में ही पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की सहुलियत देने की जरूरत नही है, यह भी डटकर कह रहे है| फिलहाल परिस्थिति पक्ष में ना होने से पाकिस्तान शांति की बाते कर रहा है| इसी वजह से पाकिस्तान में भारत का विद्वेष कनेवाले कडे विरोधी भी इस समय युद्ध ना करने की सलाह अपनी सरकार को दे रहे है| भारत की स्थिति मजबूत है और अपनी अर्थव्यवस्था गिर पडी है| ऐसे में युद्ध में उतरना घातक होगा| लेकिन, आगे के समय में पाकिस्तान ने अवसर मिलते ही भारत को सबक सिखाना होगा, ऐसा इन भारत का विद्वेष करनेवाले चरमपंथियों का कहना है|

खास तौर पर अफगानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी होने के बाद पाकिस्तान भारत पर सामरिक बढत प्राप्त कर सकेगा, यह दावा करके भारत का विद्वेष कर रहे यह पाकिस्तानी अवसर की प्रतिक्षा कर रहे है|

कुछ दिन पहले अमरिका ने अफगानिस्तान से सेना हटाने के संकेत दिए थे| उसके बाद ‘जमात उल दवा’ का प्रमुख एवं मुंबई पर हुए २६/११ के हमले का सूत्रधार हफीज सईद ने पाकिस्तान में खुशी मनाई थी| अमरिका की वापसी से अफगानिस्तान में तालिबान को खुली छुट मिलेगी और अब हम कश्मीर में भारतीयों का खून बहाएंगे, ऐसी धमकी भी हफीज सईद ने खुली सभा में दी थी| पुलवामा हमले का सूत्रधार ‘जैश ए मोहम्मद’ का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने भी इस हमले से पहले भारत के विरोध में ‘जिहाद’ की धमकीयां दी थी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.