भारत और जापान की ‘टू प्लस टू’ बातचीत शुरू

नई दिल्ली: भारत और जापान के बीच पहली टू प्लस टूबातचीत शुरू हुई है| इस बातचीत के लिए भारत पहुंचे जापान के विदेशमंत्री तोशिमित्सू मोतेगी और रक्षामंत्री तारो कोनो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की| इस भेंट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के एक्ट ईस्टनीति की नींव ही जापान है, यह कहा| साथ ही इंडोपैसिफिकक्षेत्र की स्थिरता, शांति और समृद्धी के लिए भारत के नजरिए से जापान काफी अहम देश है, यह भी प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा|

यह टू प्लस टूबातचीत शुरू हो रही थी तभी करीबन १६ देशों के मुक्त व्यापारी (आरसीइपी) समझौते पर हस्ताक्षर करने से जापान ने इन्कार किया है| भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर नही किए है तो जापान भी इस समझौते का हिस्सा नही होगा, यह बात जापान के व्यापार विभाग ने स्पष्ट की थी| साथ ही इस टू प्लस टूबातचीत के बाद जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो भारत की यात्रा करेंगे| इससे पहले दोनों देशों में काफी अहम समझौते पर बातचीत होगी| इसी की तैयारी टू प्लस टूबातचीत के जरिए होगी, यह संकेत प्राप्त हो रहे है|

इस बातचीत से पहले जापान के रक्षामंत्री तारो कोनो ने भारतीय वायुसेना के सुखोई३० एमकेआयलडाकू विमान से उडान भरी| साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और तारो कोनो के बीच भी स्वतंत्र बातचीत हुई| इस दौरान दोनों देशों के रक्षा संबंधी सहयोग का मुद्दा सबसे उपरी स्तर पर रहा| रक्षा संबंधी तकनिक का हस्तांतरण करने के विषय पर राजनाथ सिंग और तारो कोनो के बीच बातचीत हुई| साथ ही इंडोपैसिफिकक्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं ने बातचीत की है, यह कहा जा रहा रहा है| वही, विदेशमंत्री जयशंकर ने जापान के विदेशमंत्री मोतेगी से स्वतंत्र बातचीत करने की खबर है|

इसी बीच जापान के विदेशमंत्री और रक्षामंत्री के साथ हुई भेंट में प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के संबंधों की अहमियत रेखांकित की| आग्नेय एशियाई देशों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए भारत ने कई वर्ष पहले लूक ईस्टनीति का स्वीकार किया था| इससे अब एक्ट ईस्टमें रुपांतर हुआ है और भारत की इस नीति में जापान को नींव का स्थान प्राप्त है, यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान स्पष्ट की| साथ ही इंडोपैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता, शांति और समृद्धी के लिए जापान काफी बडा योगदान देगा, यह भरौसा भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर व्यक्त किया|

भारत और जापान के बीच लगातार हो रही द्विपक्षीय बातचीत दोनों देशों के दृढ संबंधों का दाखिला है, इस ओर प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान आकर्षित किया| भारत और जापान के द्विपक्षीय बातचीत में इंडोपैसिफिकक्षेत्र का लगातार हो रहा जिक्र सूचक समझा जा रहा है| जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने सबसे पहले हिंद महासागर से पैसिफिक महासागर तक के क्षेत्र का जिक्रइंडोपैसिफिकऐसा किया था| इस समुद्री क्षेत्र में अब भारत की भूमिका काफी अहमियत रखती है, यह बात एबे ने कुछ वर्ष पहले ही रखी थी|

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