७५ अरब डॉलर के करंसी स्वैप करार के साथ भारत-जापान में ६ सहयोगी करार

टोकियो: भारत एवं जापान में लगभग ७५ अरब डॉलर का करेंसी स्वैप करार हुआ है। यह करार भारत के विदेशी जमा पूंजी स्थिर रखने के लिए अत्यंत फायदेमंद होगा, ऐसा दावा विदेश मंत्रालय ने किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे इनके नेतृत्व में दोनों देशों में शुरू द्विपक्षीय चर्चा में यह निर्णय लिया गया है। साथ ही दोनों देशों का सहयोग अधिक व्यापक करने वाले छह सहयोगी करार संपन्न हुए हैं। तथा आने वाले समय में भारत एवं जापान के विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्रियों में टू प्लस टू चर्चा करने का निर्णय लिया गया है।

७५ अरब डॉलर, करंसी स्वैप, करार, साथ, भारत, जापान, ६ सहयोगी करार, टोकियोभारत एवं जापान में १३ वीं वार्षिक द्विपक्षीय चर्चा हुई है और इस चर्चा के दौरान दोनों देशों में लगभग ६ सामंजस्य करार हुए। इसमें रक्षा, सुरक्षा, आरोग्य, कृषि, आर्थिक एवं निवेश विषयक तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास प्रकल्प के बारे में सहयोगी करारों का समावेश है। तथा भारत एवं जापान में हुए लगभग ७५ अरब डॉलर के करंसी स्वैप करार ने सबसे अधिक ध्यान केंद्रित किया है। जिसकी वजह से भारत का रुपया एवं जापान के येन इनमें विनिमय होगा और उसका बहुत बड़ा लाभ भारतीय विदेशी जमापूंजी को मिलेगा एवं विदेशी जमापूंजी अधिक स्थिर रहेगी, ऐसा विश्वास भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने व्यक्त किया है।

अंतर्राष्ट्रीय चलन होनेवाले अमरिकन डॉलर के भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की जा रही है और भारत एवं जापान में हुआ यह करार महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुछ दिनों पहले चीन के दौरे पर होनेवाले जापान के प्रधानमंत्री ने चीन के साथ करंसी स्वैप करार किया था। उसके बाद भारत के साथ यह करार करके जापान ने अपने आर्थिक तथा चलन विषयक धारणा में बदलाव शुरू करने की बात दिखाई दे रही है। जिसके साथ भारत और जापान में आनेवाले समय में टू प्लस टू चर्चा शुरू करने का निर्णय हुआ है। इस निर्णय को धारणात्मक महत्व होकर आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध इसकी वजह से अधिक दृढ़ होने वाले हैं।

समर्थ भारत जापान के लिए फायदेमंद है और समर्थ जापान भारत के लिए फायदेमंद होगा, ऐसे शब्दों में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने दोनों देशों में सहयोग के विस्तार को बहुत बड़ा अवसर होने का दावा किया है। तथा इस द्विपक्षीय संबंधों को हिंद महासागर एवं प्रशांत महासागर की गहराई प्राप्त हुई है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है। भारत एवं जापान में डिजिटल पार्टनरशिप से साइबर सुरक्षा के सहयोग के लिये भी करार हुआ है और आज ही जापान के निवेशकारों ने भारत में २.५ अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। जिसकी वजह से भारत में लगभग ३०००० रोजगार का निर्माण होगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया है।

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